चंबाः जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 25 नौनिहाल अति कुपोषित पाए गए हैं. सोमवार को उपमंडल मुख्यालय भरमौर में आयोजित बैठक के दौरान एसडीएम ने ये खुलासा किया है. लिहाजा अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र चंबा में रेफर करने का फैसला लिया गया है.सभी कुपोषित बच्चों को चंबा में पोषण पुनर्वास केंद्र में स्वास्थ्य विभाग के परामर्श अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से मोटिवेशन के लिए रेफर किया जाएगा.
भरमौर में 25 बच्चे अति कुपोषित, बैठक में एसडीएम ने किया खुलासा
जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 25 नौनिहाल अति कुपोषित पाए गए हैं. सोमवार को उपमंडल मुख्यालय भरमौर में आयोजित बैठक के दौरान एसडीएम ने ये खुलासा किया है. लिहाजा अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र चंबा में रेफर करने का फैसला लिया गया है.
बच्चों के परिवारों को पांच दिन के हिसाब से एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी. कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के साथ बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में भी गंभीरता से चर्चा की गई है.
एसडीएम मनीष सोनी ने कहा कि पोषण अभियान एक कार्यक्रम न होकर जन आंदोलन है, इसकी सफलता के लिए लोगों की सहभागिता सुनिश्चित बनाने के लिए धरातल पर सुदृढ़ प्रयास किए जाने जरूरी हैं.
भरमौर उपमंडल के 144 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से विभिन्न आयु वर्गों के 1972 बच्चों को पोषाहार दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भरमौर उपमंडल में 8 मार्च से लेकर 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा एक जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा. इसमें मुख्य रूप से कुपोषण, एनीमिया और स्वच्छता पर फोकस रहेगा.इस दौरान एसडीएम ने बैठक में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए सभी विभागों को आपसी समन्वय से पोषण अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं.
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जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 25 नौनिहाल अति कुपोषित सामने आए है। सोमवार को उपमंड़ल मुख्यालय भरमौर में आयोजित बैठक के दौरान एसडीएम भरमौर ने यह खुलासा किया है। लिहाजा
अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र चंबा में रेफर करने का फैसला लिया गया है।
Body:जानकारी के अनुसार सोमवार को एसडीएम भरमौर(सिविल) मनीष सोनी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। एसडीएम ने कहा कि भरमौर उपमंडल के 6 आंगनवाड़ी वृत्त भरमौर, शिरडी, गरोला, दुर्गेठी, होली, मच्छेतर के 25 अति कुपोषित बच्चों को चंबा में पोषण पुनर्वास केंद्र में स्वस्थ विभाग के परामर्श अनुसारआंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से मोटिवेशन के लिए रेफर किए जाएंगे। जिन्हें 5 दिन प्रतिदिन के हिसाब से एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इन कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के साथ बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में भी गंभीरता से चर्चा की और उन्हें तुरंत पोषण पुनर्वास केंद्र चंबा में रेफर होने की भी सलाह दी, ताकि इन बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके।
Conclusion:मनीष सोनी ने कहा कि पोषण अभियान कार्यक्रम ना होकर जन आंदोलन है, इसकी सफलता के लिए लोगों की सहभागिता सुनिश्चित बनाने के लिए धरातल पर सुदृढ़ प्रयास किए जाने नितांत आवश्यकता है। कहा कि जनजातीय क्षेत्र भरमौर उपमंडल के 144 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1972 विभिन्न आयु वर्गों के बच्चों को पोषाहार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भरमौर उपमंडल में 8 मार्च से लेकर 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा एक जन आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा।
इस दौरान विभिन्न विभागों ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, जलशक्ति विभाग, शिक्षण संस्थान, कृषि, स्वास्थ्य, युवा मामले एवं खेल, महिला एवं बाल विकास विभाग की सहभागिता सुनिश्चित कर के, विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी और लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिसमें मुख्य रूप से कुपोषण और एनीमिया और स्वच्छता पर फोकस रहेगा। उन्होंने बैठक में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित विभाग आपसी समन्वय से पोषण अभियान को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाएंगे।