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टैक्सी चालक हत्या मामलाः हत्यारोपी ललित को परिवार ने एक साल पहले घर से कर दिया था बेदखल

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Published : Sep 22, 2020, 9:12 PM IST

बिलासपुर में टैक्सी चालक की हत्या मामले में पुलिस की जांच में नया खुलासा सामने आया है. पुलिस की जांच में पता लगा है कि हत्यारोपी दिल्ली के ललित को उसके परिवार ने एक साल पहले ही घर से बेदखल कर दिया था. दिल्ली निवासी ललित को उसकी हरकतों की वजह से परिजनों ने बेदखल कर दिया था.

Bilaspur taxi driver murder case
Bilaspur taxi driver murder case

बिलासपुरः जिला बिलासपुर के कंदरौर में टैक्सी चालक की हत्या मामले में पुलिस की जांच में नया खुलासा सामने आया है. पुलिस की जांच में पता लगा है कि दिल्ली के रहने वाले हत्यारोपी ललित को उसके परिवार ने एक साल पहले ही घर से बेदखल कर दिया था. दिल्ली निवासी ललित को उसकी हरकतों की वजह से परिजनों ने घर से बाहर निकाल दिया था.

बताया जा रहा है कि इससे पहले भी वह चोरी और डकैती की वारदातें कर चुका है. आरोपी ललित अपने अलग-अलग दोस्तों के पास रहता था. पुलिस सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ललित और दस महीने तक रेप केस में सजा काट चुके हरियाणा के साहिल की दोस्ती राजस्थान के अमरपुरा में हुई थी.

वापस दिल्ली आने पर दोनों कुरियर कंपनी से जुड़े और इसी बीच कुरियर कंपनी में काम करने वाले तीसरे आरोपी जम्मू निवासी रोहित के साथ दोस्ती हुई. रोहित व युवराज आपस में रिश्तेदार हैं. युवराज के पिता जम्मू के एक बैंक में केशियर पद पर कार्यरत हैं. इसके बाद इनकी मुलाकात ललित से हुई और ये तीनों 4 व 5 सितंबर को शिमला आ गए थे. शिमला में आरोपी लोअर कैथू में एक किराए के मकान में रहते थे.

सूत्र बताते हैं कि चौथा आरोपी साहिल शिमला के मतियाना में अपने पिता के साथ रहता था. साहिल के पिता मतियाना में एक परिवार के पास ट्रक ड्राइवर थे और इस परिवार की महिला के चिंतपूर्णी में रिश्तेदार हैं, जिनके घर श्राद के दौरान धार्मिक कार्यक्रम था, जिसमें भाग लेने के लिए चारों आरोपी शिमला से टैक्सी बुक करके निकले थे. साहिल की ललित से जान पहचान थी.

सूत्रों से पता चला है कि साहिल से मिलने के बाद चारों ने शिमला में चिंतपूर्णी जाने का निर्णय लिया. जहां वह रैकी व चोरी के इरादे से जा रहे थे, लेकिन शिमला से बुक की टैक्सी की लूटपाट करने की योजना भी इन्होंने शिमला में बना ली थी. पुलिस जांच के दौरान यह भी बात पता चली है कि शिमला के टुटू में किराए के मकान में रहने वाले कंडाघाट निवासी टैक्सी चालक के पास दो मोबाइल थे जिनमें से एक मोबाइल को पुलिस ने टुटू के पास ही एक सुनसान जगह पर बरामद किया है.

पुलिस सूत्रों के हवाले से ज्ञात हुआ है कि जांच के दौरान पुलिस ने हर पहलु की बारीकी से जांच की जा रही है. दो बार रिमांड के दौरान पुलिस ने अपनी जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. अदालत ने चारों आरोपियों को तीन अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

रात को भागते समय रोड से भटक गए थे ओरापी

यहां यह भी बता दें कि टैक्सी चालक पर कातिलाना हमला करने के बाद फरार आरोपी काफी समय तक दयोथ व जामली लिंक रोड पर भटकते रहे और मोबाइल लोकेशन के जरिए एनएच पर पहुंचे जहां से स्वारघाट के रास्ते नालागढ़ होते हुए हिमाचल की सीमा से बाहर निकलने में सफल हुए, लेकिन एएसपी की अगुवाई वाली टीम पीछे लगी रही और सुबह दस बजे से पहले ही पानीपत के पास हरियाणा पुलिस की मदद से नाके पर आरोपी दबोच लिए गए. पुलिस ने जांच के दौरान स्पॉट से तेजधार हथियार बरामद कर लिए हैं और आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर आगली कार्रवाई की जा रही है. न्यायिक हिरासत में चल रहे चारों आरोपियों को तीन अक्तूबर को फिर अदालत में पेश किया जाएगा.

बता दें कि इस केस को सुलझाने में पुलिस ने महज से आठ से दस घंटे का वक्त लगाया और एएसपी अमित शर्मा की अगुवाई में गए पुलिस दल ने कड़ी मशक्कत व हरियाणा पुलिस की मदद से पानीपत के साथ पकड़ने में सफलता हासिल कर ली थी. यहां यह भी बता दें कि एएसपी अमित शर्मा ने सूचना मिलते ही सभी थानों को सूचित कर दिया था और नाकाबंदी करने के लिए कह दिया था ताकि फरार हुए आरोपियों को पकड़ा जा सके.

कोताही बरतने पर एसपी ने किए 15 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

हालांकि इस बीच स्वारघाट थाना पुलिस की कोताही सामने आने पर पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कार्यकारी प्रभारी व मुंशी समेत 15 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और वहां पर नए स्टाफ की तैनाती की गई है. क्योंकि सूचना देने के बावजूद यदि समय रहते पुलिस ने नाकाबंदी कर दी होती तो आसानी से आरोपी पकड़ में आ जाते, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका जिसके चलते एएसपी की अगुवाई वाली टीम को आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.

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