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यमुनानगर में किसानों ने किया प्रदर्शन, नए ट्यूबवेल कनेक्शन पर मोटर की शर्त हटाने की मांग

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Published : May 6, 2021, 2:31 PM IST

यमुनानगर में किसानों ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. किसानों ने नगर निगम की मोटर पर लगाई गई शर्त का विरोध किया है.

Farmer demonstration Yamunanagar
Farmer demonstration Yamunanagar

यमुनानगर: भारतीय किसान यूनियन ने नए ट्यूबवेल कनेक्शन पर मोटर की शर्तों को हटाने के लिए गोविंदपुरी स्थित उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.

प्रदेश भर में बिजली वितरण निगम की तरफ से नए ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं. जिस पर निगम ने मोटर की शर्त लगा रखी है कि निगम द्वारा निर्धारित कंपनी की मोटर लेने पर ही किसानों को ट्यूबवेल का कनेक्शन दिया जाएगा. जिसके चलते हैं प्रदेश भर के किसान परेशान हैं.

यमुनानगर में किसानों ने किया प्रदर्शन, नए ट्यूबवेल कनेक्शन पर मोटर की शर्त हटाने की मांग

इसी कड़ी में यमुनानगर जिला के किसान उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के गोविंदपुरी स्थित ऑफिस पर इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया. किसानों का कहना था कि उन्होंने चार-पांच साल पहले ही ट्यूबवेल लगाकर मोटर खरीदी हुई है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही करीब ₹35000 लगा कर मोटर खरीदी और अब निगम जो मोटर खरीदने की बात कह रहा है वो मोटर 60000 से ₹70000 में आती है.

किसानों ने कहा कि वो इस मोटर को खरीदने में असमर्थ हैं, क्योंकि वो लोग पहले ही मोटर खरीद चुके हैं और नई मोटर लेने से उनकी पुरानी मोटर भी किसी काम की नहीं रहेगी. उन्होंने मांग उठाई कि निगम अपना ये फैसला वापस ले और पिछली सरकारों की तर्ज पर बिना शर्त के किसानों को कनेक्शन दिया जाए. वहीं उन्होंने मांग उठाई कि जो किसान किसी कारणवश डिमांड नोटिस मिलने के बावजूद ₹30000 की राशि जमा नहीं करवा पाए हैं. उनको राशि जमा करवाने का एक और मौका दिया जाए.

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किसानों ने मांग करते हुए कहा कि जिन किसानों के पैसे जमा हो चुके हैं. उन्हें जल्द से जल्द कनेक्शन दिए जाएं. उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के यमुनानगर के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा. देखना होगा सरकार किसानों की इस मांग पर गौर फरमाती है या नहीं. वहीं किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें जल्द ना मानी तो वे जिस तरह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं उसी आंदोलन में ये मांग भी शामिल हो जाएगी.

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