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Sonipat Crime News: गरीबों को पैसे का लालच देकर बैंक खाते खुलवाने वाले गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार, आरोपी छत्तीसगढ़ के रहने वाले

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 16, 2023, 10:11 PM IST

Sonipat Crime News: सोनीपत पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनकी आईडी लेकर बैंक में खाते खुलवाते थे. इन्हीं खातों में ठगी का पैसा आता था.

Cyber ​​thug arrested in Sonipat
Cyber ​​thug arrested in Sonipat

सोनीपत: क्राइम यूनिट गन्नौर की टीम ने साइबर ठगी के लिए गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर बैंक खाते खुलवाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपी ऋषभ गुप्ता, सौरभ जैन और सुनील शेठी छत्तीसगढ़, दुर्ग जिले के भिलाई शहर के रहने वाले हैं. तीनों आरोपी खाता खुलवाने के प्रयास में बड़ी गांव के पास घूम रहे थे.

क्राइम यूनिट गन्नौर की टीम ने गुप्त सूचना पर तीनों आरोपियों को बड़ी औद्योगिक क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया. तीनों आरोपियों के पास से पुलिस ने अलग-अलग कंपनियों के 8 फर्जी सिम कार्ड, 11 फर्जी एटीएम कार्ड और 6 मोबाइल बरामद किए हैं. इन मोबाइलों से 4 अतिरिक्त सिम भी पुलिस ने बरामद किए हैं. थाना गन्नौर पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 और 511 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. शनिवार को पुलिस ने आरोपयों को अदालत में पेश करके 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया है.

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क्राइम यूनिट गन्नौर के एसआई चांद सिंह ने बताया कि गिरफ्तार हुए तीनों आरोपी ग्रेजुएट हैं. उन्होंने खुलासा किया है कि वो खाता खुलवाने के लिए गरीब व मजदूर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. पहले वो उनके पास फोन पर संपर्क साधकर खाता खुलवाने पर रुपये देने का लालच देते थे. इसके बाद वह उनसे मिलकर उनका खाता खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज ले लेते थे और बदले में उन्हें पांच से 10 हजार रुपये देते थे. इन रुपयों से वो अपनी जरूरतों को पूरा करते थे.

आरोपियों ने बताया कि वह लोगों के दस्तावेज लेकर अलग-अलग बैंको में खाते खुलवाते थे. बैंको में खाता खुलवाते समय वो उसमें अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवाते थे ताकि लेन-देन के मैसेज केवल उन्हीं को मिल सके. इतना ही नहीं वह खाताधारक की पासबुक, चेक बुक व एटीएम भी अपने पास ही रखते थे.

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गिरफ्तार हुए आरोपियो ने ये भी खुलासा किया कि वो खातों में जिन मोबाइल नंबरों को दर्ज करवाते थे, वह सभी मोबाइल नंबर फर्जी आइडी के माध्यम से लिए जाते हैं. ताकि साइबर क्राइम करते समय साइबर ठग गिरोह के सदस्य पुलिस की गिरफ्त से बच सकें.

पुलिस की पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ कि आरोपी गिरोह के सदस्य के तौर पर काम करते थे. वो खातों को खुलवा कर उसे गिरोह के सरगना को सौंप देते थे. इसके लिए गिरोह का सरगना उन्हें प्रति खाते के हिसाब से पैसा देता था. पूछताछ में पुलिस को इस गिरोह के मुखिया के बारे में जानकारी हाथ लगी है, जो कि छत्तीसगढ़ में बैठकर इस गिरोह का संचालन करता है. पुलिस अब गिरोह के सरगना को पकड़ने का प्रयास कर रही है.

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