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हनीप्रीत को डेरे की कमान मिलने की खबरों पर बोला राम रहीम, डेरा सच्चा सौदा का गुरु मैं था, हूं और रहूंगा

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Published : Oct 24, 2022, 7:26 PM IST

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने साफ कर दिया है कि वो ही डेरे के गुरु (ram rahim remain dera sacha sauda head) थे, हैं और रहेंगे. दरअसल इन दिनों ये खबर चल रही थी कि डेरे की कमान अब राम रहीम की कथित बेटी हनीप्रीत संभाल सकती है.

ram rahim remain dera sacha sauda head
ram rahim remain dera sacha sauda head

सिरसा: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने साफ कर दिया है कि वो ही डेरे के गुरु (ram rahim remain dera sacha sauda head) थे, हैं और रहेंगे. दरअसल इन दिनों ये खबर चल रही थी कि डेरे की कमान अब राम रहीम की कथित बेटी हनीप्रीत संभाल सकती है. खबर ये भी थी कि डेरा सच्चा सौदा के ही कुछ लोग हनीप्रीत को डेरा की कमान सौंपने की बात कर रहे थे.

हालांकि डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन ने हनीप्रीत को डेरा की कमान सौंपने या भविष्य में सौंपे जाने की कोई पुष्टि नहीं की थी. फिर भी हनीप्रीत को डेरा सच्चा सौदा की कमान सौंपने की चर्चाएं चल रही थी. इन्हीं खबरों पर राम रहीम ने साफ किया है कि वो ही डेरा सच्चा सौदा के गुरु थे, गुरु हैं और गुरु रहेंगे. राम रहीम इन दिनों साध्वी यौन शोषण, पूर्व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है.

पिछले दिनों राम रहीम 40 दिन की पैरोल मिलने के बाद यूपी के बागपत आश्रम में है. राम रहीम इन दिनों संत्संग के जरिए अपने श्रद्धालुओं से लाइव रूबरु (ram rahim online satsang) हो रहा है. राम रहीम ने पिछले कई दिनों डेरा सच्चा सौदा की गद्दी हनीप्रीत को सौंपने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि हमने बहुत सारी चिठियों में लिख था कि गुरु (dera sacha sauda head) हम थे हम हैं और हम ही रहेंगे. राम रहीम ने मीडिया को भी नसीहत दी है.

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उसने कहा कि सूत्र के नाम पर कुछ भी चला देते हैं. ऐसा ना करें. राम रहीम ने कहा कि हनीप्रीत हमारी धर्म की बेटी है, मुख्य शिष्या है. ये हमने बोल भी दिया है. उनका हमने छोटा सा नाम 'रूह दी' दे दिया, क्योंकि साध संगत की मांग थी कि दीदी कहने से पता नहीं चलता कि वो किसे कह रहे हैं. इसलिए उनका नाम रूह दी यानी रूहानी दीदी रख दिया है. वो साध संगत के साथ मिलकर मानवता भलाई के कार्य करती है, लेकिन वो अपने पापा गुरु की बात सुनती है, फिर आगे बोलती है. वो अपने पास से तो कुछ कहती नहीं, लेकिन लोग कुछ ना कुछ कहते रहते हैं.

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