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निजी अस्पताल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्ड पर कैशलेस इलाज से किया इनकार, पीड़ित आईटीबीपी का जवान

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Published : Mar 14, 2023, 9:39 AM IST

Updated : Mar 14, 2023, 10:41 AM IST

आम आदमी के स्वास्थ्य इलाज को लेकर सरकारें बेहतर सेवाएं देने के लिए भले ही अपनी पीठ थपथपायें लेकिन जमीन पर ऐसा होता नहीं दिख रहा. पानीपत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्ड पर निजी अस्पताल ने कैशलेस इलाज से इनकार कर दिया. पीड़ित आईटीबीपी का जवान है.

Ayushman Card Treatment in Panipat
पानीपत में आयुष्मान कार्ड से इलाज

पानीपत में निजी अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड से कैसलेस इलाज से किया इनकार, थमाया भारी बिल

पानीपत: प्रदेश सरकार हो या देश की सरकार स्वास्थ्य के लिए बनाए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (आयुष्मान कार्ड) को लेकर बहुत वाहवाही लूट रही है. परंतु सच्चाई इससे कोसों दूर है. मामला आयुष्मान भारत पैनल से जुड़े हॉस्पिटल का सामने आया है. जहां एक आइटीबीपी के जवान के पिता का इलाज करने के लिए इस कार्ड को दरकिनार कर दिया गया और कहा इलाज के लिए पैसे जमा करने पड़ेंगे.

आइटीबीपी के जवान और पीड़ित परमजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वह करनाल जिले के रहने वाले हैं. उनके पिता की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें पानीपत के प्रेम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा बनाए गए डिपेंडेंट कार्ड से वो भुगतान करने के लिए पहुंचे तो अस्पताल प्रशासन ने कार्ड से कैशलेस इलाज करने पर मना कर दिया और पैसों की मांग करने लगे. पैसे ना देने पर अस्पताल प्रशासन ने मरीज को कहीं और ले जाने के लिए कहा है.

पीड़ित जवान का स्वास्थ्य बीमा कार्ड

अस्पताल प्रशासन ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि बाद में उनके बिल पास नहीं होते. लंबा समय लग जाता है. जिसके चलते वह कार्ड से नहीं बल्कि कैश इलाज कर सकते हैं. परमजीत सिंह ने बताया कि जब उसने कार्ड के ऊपर दिए गए टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर जानकारी ली तो पता चला कि पैनल के हॉस्पिटल में मरीज का इलाज पूरी तरह कैशलेस है. अस्पताल प्रशासन इसे मानने के लिए कतई तैयार नहीं है.

अस्पताल को दिया गया 10 हजार का एडवांस बिल.

जब इस बारे में हमने अस्पताल में बने आयुष्मान भारत के काउंटर पर डील करने वाले अशोक कुमार से फोन पर संपर्क साधा तो उन्होंने कहा कि हमारा हॉस्पिटल पैनल पर है लेकिन हम बिना पैसे इलाज नहीं कर सकते. मरीज को खुद ही बाद में अपने बिल पास करवाने होंगे. इतना कहकर अशोक ने फोन काट दिया. इधर आइटीबीपी के जवान परमजीत का कहना है कि वह पहले अस्पताल में पूछने के बाद ही अपने पिता को यहां लेकर आया था और उन्होंने कहा था कि पूरा इलाज कैशलेस है लेकिन आईसीयू में भर्ती करने के बाद अब अस्पताल प्रशासन पैसे की मांग कर रहा है.

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Last Updated : Mar 14, 2023, 10:41 AM IST

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