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पानीपत टोल प्लाजा का करार एक साल बढ़ाया गया, कंपनी ने दिया नुकसान का हवाला, जानिए कब तक देना होगा टैक्स

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Published : Jul 27, 2023, 8:07 PM IST

पानीपत टोल प्लाजा (Panipat Toll Plaza) पर अभी एक साल और मुसाफिरों को टैक्स देना होगा. टोल का करार 2026 तक था जो अब बढ़ाकर 2027 कर दिया गया है. कंपनी ने इसके पीछे किसान आंदोलन के चलते होने वाले नुकसान को कारण बताया है.

Panipat Toll Plaza
Panipat Toll Plaza

पानीपत: काेरोना और किसान आंदोलन के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए पानीपत टोल प्लाजा के करार की अवधि एक साल बढ़ा दी गई है. 2026 में इसका करार खत्म होने वाला था जो अब 2027 तक कर दिया गया है. यानि मुसाफिरों को एक साल और टोल का खर्च उठाना पड़ेगा. जुलाई 2008 में 421.50 करोड़ रुपये की लागत से ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया था. तभी से सेक्टर-18 के पास एलएंडटी कंपनी ने टोल प्लाजा बनाकर टैक्स वसूली शुरू की थी.

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पानीपत टोल प्लाजा की कमाई-पिछले 15 साल से शहरवासी ओवरब्रिज की वजह से जीटी रोड पर लगने वाला जाम झेल रहे हैं. एलएंडटी कंपनी टोल प्लाजा पर पानीपत शहरवासियों से औसतन डेढ़ से दो लाख रुपये प्रतिमाह टोल टैक्स वसूल रही है. जबकि कंपनी की रोजाना आय 28 से 30 लाख रुपये है. 2008 में जब टोल शुरू हुआ था तो पहले महीने कंपनी ने 1.41 करोड़ रुपए टोल कलेक्शन किया था, जो आज बढ़कर 8.50 करोड़ रुपये प्रतिमाह हो चुका है.

किसान आंदोलन के चलते बंद था टोल- पानीपत टोल प्लाजा का करार 2026 तक था जो अब अब बढ़कर 2027 तक हो चुका है. 2020 में किसान आंदोलन की वजह से सालभर टोल प्लाजा बंद थे. वाहन चालकों को लगा कि सालभर टोल में छूट मिलने से उन्हें राहत मिली है, लेकिन कंपनी ने किसान आंदोलन के कारण टोल प्लाजा बंद रहने की स्थिति को बड़े नुकसान का कारण बताया जिसे एनएचएआई के संज्ञान में लाकर अनुबंध को एक साल की समयावधि के लिए बढ़वा लिया.

टोल का करार 2026 तक था जो अब 2027 कर दिया गया है.

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357 करोड़ का टोल बाकी- पानीपत टोल प्लाजा की फिलहाल औसतन मासिक आय 8.50 करोड़ रुपये के करीब है. टोल प्लाजा पर जनवरी 2027 तक वाहन चालकों से टोल वसूला जायेगा. इसी औसत आमदनी के हिसाब से अगले 42 महीने यानी जनवरी 2027 तक वाहन चालक 357 करोड़ रुपये का और टोल भुगतान करेंगे. अगर टोल बनने से लेकर टोल प्लाजा की समयावधि खत्म होने तक का हिसाब लगाएं तो एलएंडटी कंपनी वाहन चालकों से लगभग 1180 करोड़ रुपये की वसूली कर चुकी होगी, जो टोल निर्माण में खर्च राशि से 2.7 गुना अधिक होगी.

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जब इस बारे में ज्ञानेंद्र सिंह, एलएंडटी मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने कहा की काेरोना और किसान आंदोलन के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए करार की अवधि एक साल बढ़ाई गई है. कंपनी के उच्च अधिकारियों ने दैनिक टोल कलेक्शन के बारे में कोई भी टिप्पणी किए जाने से मना किया है. उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए एनएचएआई अंबाला टीम से संपर्क कर सकते हैं.

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