हरियाणा

haryana

पंचकूला के इस नामी अस्पताल पर गिर सकती है गाज, ज्ञानचंद गुप्ता ने किए बड़े खुलासे

By

Published : May 18, 2021, 4:28 PM IST

हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पारस अस्पताल पर इलाज से कई गुना ज्यादा वसूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने अस्पताल के बिलों से इसका खुलासा किया है. साथ ही कहा है कि ऐसे सभी अस्पतालों का लाइसेंस रद्द होना चाहिए और इनपर एफआईआर की जानी चाहिए.

gyanchand gupta
gyanchand gupta

पंचकूला: हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंचकूला के नामी अस्पताल की तरफ से लोगों से इलाज के कई गुना पैसे वसूलने का खुलासा किया है. विधानसभा स्पीकर ने कहा कि इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे, जिसमें ऐसे असपतालों का लाइसेंस रद्द करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी.

विधानसभा स्पीकर ने कहा आम लोगों से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं. इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के भी इन्श्योरेंस के कई गुना बिल बनाए जा रहे हैं, जो गंभीर समस्या है. उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से बनाई गई कमेटी ने जब बिलों का ऑडिट किया तो सामने आया कि कई गुना दाम दवाइयों के और सर्जिकल सामान के बिल में जोड़े गए हैं.

पंचकूला के इस नामी अस्पताल पर गिर सकती है गाज, ज्ञानचंद गुप्ता ने किए बड़े खुलासे

ये भी पढ़ें-कोरोना से ठीक होने वालों पर अब ब्लैक फंगस का खतरा, चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर से जानिए इसके लक्षण और बचाव का तरीका

ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि पारस अस्पताल ने एक व्यक्ति को 7,59,000 रुपये का बिल दिया गया. जबकि इसमें कई चीजें मार्केट रेट से ज्यादा ले ली गईं. दवाइयों समेत सर्जिकल सामान की कीमत भी कई गुना बढ़ाकर बिल में डाल दी गई. ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उन्होंने जब अस्पताल में विजिट किया तो वहां के डॉक्टर्स कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.

इस बीच शिकायतकर्ता को रिवाइज बिल भेजा गया जो कि 2 लाख 90 हजार रुपये का था. ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं. स्पीकर ने कहा कि लोगों का शोषण करने वाले अस्पतालों का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए और ऐसे अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनकी तरफ से हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कागज भेजे गए हैं.

ये भी पढ़ें-कोरोना मरीजों को जकड़ रही है ब्लैक फंगस बीमारी, हरियाणा में मिले 2 दर्जन मामले

स्पीकर ने कहा कि एक बिल उनके पास पहुंचा है जिसमें एक सरकारी कर्मचारी का 11 लाख रुपये से ज्यादा का बिल बनाया गया है, जो इन्श्योरेंस के तहत सरकार की तरफ से भरा जाना है. उन्होंने कहा कि इस पर भी निगरानी होनी चाहिए और सभी प्राइवेट अस्पतालों का ऑडिट किया जाना चाहिए कि उनकी तरफ से कितने पैसे वसूल किए जा रहे हैं .

ABOUT THE AUTHOR

...view details