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नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की कमी, कांग्रेस विधायक ने दिया धरना

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Published : May 12, 2023, 4:44 PM IST

नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की कमी और अव्यवस्थाओं को लेकर विधायक आफताब अहमद (MLA Aftab Ahmed Protest) ने धरना दिया. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की कमी के लिए भाजपा-जजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

MLA Aftab Ahmed Protest
नूंह में उपनेता प्रतिपक्ष आफताब अहमद का धरना

नूंह:राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में संसाधनों की भारी कमी है. जिसके कारण यहां आने वाले मरीजों और तीमारदारों को परेशानी उठानी पड़ रही है. संसाधनों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को दवाइयों से लेकर मरहम पट्टी तक के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की कमी को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष व विधायक आफताब अहमद ने मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के समीप एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज की दुर्दशा के लिए भाजपा- जजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

अरावली पर्वत की तलहटी में तकरीबन 650 करोड़ रुपए की लागत से बने आलीशान मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड चलाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है और एक्स-रे मशीनों की वैधता खत्म हो चुकी है. आपातकालीन वार्ड तथा ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को भी अस्पताल के बाहर से एक्स-रे कराने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार सैकड़ों करोड़ रुपये से कांग्रेस शासनकाल में बने इस मेडिकल कॉलेज को बर्बाद करने पर तुली हुई है.

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खराब पड़ी ज्यादातर मशीनें: इस मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है. दवाइयां नहीं है और डॉक्टरों की भारी कमी है. मेडिकल कॉलेज की मशीनें जर्जर हो चुकी हैं और स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी नहीं है. जबकि कांग्रेस शासनकाल में इस अस्पताल में इस तरह की कोई दिक्कत नहीं थी. 2014 में जब से यह सरकार सत्ता में आई है तब से इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी: उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्दी ही इन समस्याओं का निदान नहीं किया तो अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू किया जा सकता है. जब इस बारे में मेडिकल कॉलेज निदेशक डॉक्टर पवन गोयल से बातचीत की गई तो उन्होंने माना कि मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से लेकर अन्य स्टाफ की कमी है. इसके अलावा अल्ट्रासाउंड मशीन को चलाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है.

आपातकालीन वार्ड तथा ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाली बड़ी एक्सरे मशीनें लगभग कंडम हो चुकी हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि दवाइयों की कमी को जल्द ही दूर कर दिया जाएगा. इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष विधायक आफताब अहमद ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की विभाग पर कोई पकड़ नहीं है. जब वे कुछ दिन पहले नूंह के दौरे पर आए थे तो उनके पास इस मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने तक का समय नहीं था.

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इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह इस जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कितने गंभीर हैं. कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही हरियाणा में राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. विपक्ष सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता. नूंह के नल्हड़ गांव की तकरीबन 94 एकड़ भूमि में करीब 650 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2012 में शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया गया था.

इलाके के लोगों को इस मेडिकल कॉलेज से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन अवस्थाओं के कारण यह मेडिकल कॉलेज लोगों के लिए सफेद हाथी साबित होने लगा है. यह मेडिकल कॉलेज यहां होने वाले भ्रष्टाचार से लेकर अन्य खामियों के कारण चर्चा में रहता है. विपक्ष के नेताओं ने इसको लेकर सड़क से विधानसभा तक आवाज उठाई है लेकिन सरकार इसका कोई समाधान नहीं निकाल सकी है.

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