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लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने किए 3 बड़े फैसले, सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम

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Published : Aug 30, 2021, 7:05 PM IST

Updated : Aug 30, 2021, 8:07 PM IST

farmer mahapanchayat karnal
farmer mahapanchayat karnal

करनाल में किसानों पर पुलिस की लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) को लेकर अभी किसानों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. इसी को लेकर करनाल के घरौंडा में किसानों की महापंचायत (farmer mahapanchayat) हुई. इस महापंचायत में किसानों ने तीन बड़े फैसले लिए हैं.

करनाल:हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. गुस्साए किसानों ने सोमवार को करनाल के घरौंडा में महापंचायत (farmer mahapanchayat) की. ये महापंचायत भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने बुलाई थी जिसकी अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी (gurnam singh charuni) ने की. इस महापंचायत में किसान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी खास तौर पर शामिल हुए. इस महापंचायत में किसानों ने तीन बड़े फैसले लिए हैं.

महापंचायत में लिए गए फैसलों के बारे में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि किसानों ने पहला फैसला लिया कि करनाल के SDM आयुष सिन्हा समेत अन्य अधिकारियों पर मामले दर्ज हो, जिनकी वजह से लाठीचार्ज हुआ है. इस मांग को लेकर सरकार को 6 सितम्बर तक का समय दिया है. अगर सरकार नहीं मानी तो 7 सितंबर को करनाल में फिर बड़ी पंचायत होगी और उसके बाद सचिवालय का घेराव किया जाएगा. महापंचायत में दूसरा फैसला ये लिया गया कि हरियाणा के सभी किसान संगठन इकट्ठा होकर संयुक्त किसान मोर्चा के आगे अपनी बात रहेंगे. अगर बात नहीं सुनी जाती तो हरियाणा के सभी किसान संगठन अलग से मीटिंग करके फैसला कोई बड़ा लेंगे.

लाठीचार्ज के विरोध में करनाल में हुई किसानों की महापंचायत, लिए गए 3 बड़े फैसले

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वहीं महापंचायत में तीसरा फैसला ये हुआ कि जिस किसान की मौत हुई है उसके परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये का मुआवजा, बेटे को नौकरी और साथ ही घायलों को 2-2 लाख रुपये दिए जाएं. बता दें कि, करनाल में शनिवार को बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई थी. इस दौरान किसानों ने भी विरोध जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. वहीं किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. किसानों की तरफ से पत्थरबाजी की गई थी.

करनाल में किसानों पर पुलिस ने किया था लाठीचार्ज

इस दौरान 4 किसान और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए. लाठीचार्ज के बाद करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा की एक वीडियो सामने आई थी जिसमें एसडीएम पुलिस वालों को ये कह रहे हैं कि कोई भी किसान अगर बैरिकेडिंग से आगे आए तो उसका सिर फोड़ देना. इस वीडियो के सामने आने के बाद किसानों से लेकर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया और SDM के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. मामला बड़ा होने के बाद जहां करनाल के जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने SDM के वीडियो को लेकर माफी मांगी तो वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने SDM के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.

करनाल एसडीएम का वीडियो हुआ था वायरल

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वहीं सीएम मनोहर लाल ने भी SDM के आदेश को गलत करार दिया. सीएम ने कहा कि अधिकारी का काम सख्ती करना है मगर उनको ये शब्द नहीं बोलने चाहिए थे. इसी बीच घायल हुए किसानों में से एक किसान की रविवार को मौत हो गई. मृतक किसान का नाम सुशील काजल है. किसान करनाल के घरौंडा के रायपुर जट्टान गांव का रहने वाला था.

करनाल में किसानों पर पुलिस ने किया था लाठीचार्ज

किसान की मौत होने के बाद ये मामला और बड़ा हो गया. इस मामले को लेकर पहले रविवार को नूंह जिले में किसानों ने महापंचायत की जिसमें राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता शामिल हुए तो वहीं अब सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने करनाल में महापंचायत की. किसानों ने अब सरकार के सामने अपनी मांग रख दी है. अब देखना होगा कि सरकार इस मामले को लेकर क्या फैसला लेती है.

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Last Updated :Aug 30, 2021, 8:07 PM IST

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