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Haryana Flood: हरियाणा में बाढ़ पर सियासत, AAP ने मनोहर सरकार को दिल्ली की बाढ़ के लिए बताया जिम्मेदार

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Published : Jul 16, 2023, 10:20 PM IST

हरियाणा में भारी बारिश और बाढ़ के बीच अब सियासी घमासान शुरू हो गया है. जिसके चलते आरोप-प्रत्यार का सिलसिला भी जारी है. ऐसे में आम आदमी पार्टी लगातार हरियाणा सरकार को घेरने में जुटी है. आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता ने मनोहर सरकार पर तंज कसा है.

Sushil Gupta on Government of Haryana
हरियाणा में बाढ़ पर सियासत

करनाल:हरियाणा में बारिश की वजह से 14 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसानों की फसल जलमग्न हो गई है. वहीं, बाढ़ की वजह से कई लोगों की मौत हुई है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल सहित कई राज्यों में बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं, अब बाढ़ को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. आप पार्टी की तरफ से हरियाणा की मनोहर सरकार को दिल्ली की बाढ़ का जिम्मेदार बताया जा रहा है. इस बीच हरियाणा के आप पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने भी मनोहर सरकार पर तंज कसा है.

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आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार की अनदेखी के चलते आज पूरा प्रदेश बाढ़ की चपेट में आ गया है. भाजपा सरकार ने हथिनी कुंड बैराज का पानी केवल दिल्ली की तरफ छोड़कर दिल्ली व हरियाणा को डुबाने का काम किया है. जबकि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की तरफ पानी छोड़ने का विकल्प था. दोनों तरफ पानी छोड़ने से जल स्तर कम हो जाता और बाढ़ ग्रस्त एरिया को राहत मिलती. उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता

गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों को बाढ़ से संबंधित कोई चेतावनी जारी नहीं की. हथिनीकुंड बैराज से पानी का सही वितरण नहीं करने के कारण आज प्रदेश के सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं. डॉ. गुप्ता ने मांग की कि यमुना में पानी छोड़े जाने की जांच सीबीआई द्वारा कराई जाए. लोगों को उनकी फसल, मकान, चारे व सामान का उचित मुआवजा दिया जाए. पानी उतरने के बाद पेयजल का इंतजाम किया जाएगा और बिजली लाइनों को दुरुस्त किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इस साजिश के तहत सरकार के वह कौन लोग हैं चाहे कोई मंत्री है, सांसद है, विधायक हैं या फिर अधिकारी है. उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि, इतनी बड़ी त्रासदी होने के बाद भी यमुना के बैराज अगर नहीं खोले जाते हैं, तो हम इसको बड़ा हादसा नहीं मान सकते यह तो एक साजिश के तहत ही काम हुआ है.

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