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पहलवानों के समर्थन में गुरनाम चढूनी ने की बैठक, सरकार को दी सख्त चेतावनी

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Published : May 16, 2023, 4:15 PM IST

कैथल में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि वो खिलाड़ियों को पूरा समर्थन देंगे और इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े, हम पीछे नहीं हटेंगे. बृजभूषण को लेकर क्या कुछ बोले हैं चढूनी, खबर में जानें

Gurnam Singh Charuni on wrestler and Brijbhushan
कैथल में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी

कैथल: मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कैथल की हनुमान वाटिका में एक जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. गुरनाम चढूनी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान चढूनी ने पत्रकारों से भी बातचीत की. चढूनी ने कहा कि बृजभूषण शरण पर 38 केस दर्ज हैं. क्या बीजेपी को ऐसे ही लोग मिलते हैं, राजनीति करने के लिए?

चढूनी ने पूछा कि क्या अब गुंडे राज करेंगे इस देश पर? अगर गुंडों को ऊंचे पदों पर बिठा दिया जाएगा, तो इस देश का क्या हाल होगा? इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों को चाहिए कि इकट्ठा होकर इन गुंडों को पछाड़ कर रखे. उन्होंने कहा कि हम पहलवानों को पूरा सहयोग देंगे. चाहे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े. हम दिल्ली जाएंगे हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि अभी समय है संभल जाएं और मान जाए, वरना हमें उंगली टेढ़ी करनी भी आती है.

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 25 मई को खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों का प्रोग्राम है. इस कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक को सम्मानित किया जाएगा. क्योंकि उन्होंने पुलवामा हमले की पोल खोली है. इसलिए किसान सतपाल मलिक को सम्मानित करेंगे. वहीं, चढूनी ने खिलाड़ियों को अपना समर्थन दिया है. चढ़ूनी ने कहा कि खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया जाएगा. जो बेटियां आंदोलन कर रही है और लंबी लड़ाई लड़ रही हैं, उनका हौसला बढ़ाया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि हम उनका पूरा समर्थन करेंगे और उनको बताएंगे की आप अकेले नहीं हैं. पूरा हरियाणा आपके साथ है. उन्होंने कर्नाटक चुनाव को लेकर भी कहा कि वहां के लोग सत्ता बदलना चाहते थे. उन्होंने वो करके भी दिखाया है. लेकिन सत्ता बदलने से कुछ नहीं होगा, सुधार होगा तो व्यवस्था बदलने से होगा. आज की व्यवस्था में 22 करोड़ लोग दो वक्त की रोटी भी सही से नहीं खा पाते हैं. इसलिए सत्ता नहीं व्यवस्था बदलने की जरूरत है.

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