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जींद में हुई भाकियू की बैठक, 15 सितंबर से पूरे हरियाणा में होंगे धरने

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Published : Sep 13, 2020, 7:11 PM IST

जींद की जाट धर्मशाला में भाकियू की राज्य स्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में किसानों के आंदोलन को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया. भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि जब तक हमारी बात नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

bhartiya kisan union meeting over agriculture ordinance in jind
bhartiya kisan union meeting over agriculture ordinance in jind

जींद:हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले कृषि अध्यादेशों का विरोध जारी है. इसी को लेकर जींद की जाट धर्मशाला में भाकियू की राज्य स्तरीय बैठक हुई. बैठक में भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी समेत कई किसान नेता मौजूद रहे. इस बैठक में किसानों से जुड़े करीब 19 संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

जाट धर्मशाला में हुई इस बैठक में किसानों के आंदोलन को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया. भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि जब तक हमारी बात नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि15 सितंबर से सभी जिला मुख्यालयों पर धरने शुरू होंगे. ये धरने 19 तारीख तक चलेंगे. 20 सितंबर को पूरे प्रदेश में 3 घंटे के लिए सड़क जाम होगा.

जींद में भाकियू की राज्य स्तरीय बैठक, 15 से पूरे हरियाणा में होंगे धरने

उन्होंने बताया कि अगर फिर भी सरकार नहीं मानी तो 27 सितंबर से पूरे हरियाणा में किसान यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा के समापन पर पूरे हरियाणा के किसानों का बड़ा सम्मेलन होगा. सम्मेलन की तारीख और जगह 27 से पहले तय की जाएगी.

भाकियू प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों के इस आंदोलन को कमजोर करने की साजिश पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि जो भी संगठन ऐसा कर रहे हैं वो सरकार से मिले हुए हैं. उन्होंने कहा कि सारे संगठनों को एक साथ आकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए.

'कांग्रेस और बीजेपी ने किसानों को सिर्फ लूटा है'

आंदोलन में कांग्रेस का हाथ होने के सवाल पर गुरनाम चढूनी ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जिनको लाठीचार्ज में चोटें लगी हैं वो जेजेपी, बीजेपी या कांग्रेस के कहने पर नहीं आए हैं. जब 2012-13 में हमारा गन्ने का आंदोलन था तो बीजेपी के सारे नेता हमारे धरने पर आते थे. तब कांग्रेस कहती थी कि ये धरना बीजेपी का है. हमेशा पार्टियां आंदोलन को दबाने के लिए प्रयास करती हैं. अपने समय में कांग्रेस की भी वहीं नीतियां रही हैं जो बीजेपी की हैं.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि किसान केवल बीजेपी के राज में ही नहीं लुट रहा, उससे पहले भी लुटा है. किसी को इस आंदोलन को कैप्चर नहीं करने दिया जाएगा. कांग्रेस अगर इसको छीनना चाहती है तो बिल्कुल नहीं छीनने देंगे. ये आंदोलन कंपनी वर्सेस आम जनता है. किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं है. राजनेता अपनी रोटियां सेकने के लिए आते हैं. उनको हम फायदा नहीं उठाने देंगे.

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