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किसान भाई धान की रोपाई में ये तकनीक अपनाएंगे तो बढ़ जाएगी कमाई, कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं टिप्स

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Published : Jun 16, 2021, 9:16 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 5:42 PM IST

हरियाणा सहित उत्तर भारत में धान की रोपाई का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में ये जानना किसान भाइयों के लिए बेहद जरूरी है कि वो धान की कौन सी किस्म और तकनीक को अपनाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

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धान की रोपाई कैसे करें?

हिसार: भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हरियाणा के बासमती चावल (haryana famous basmati rice) की महक फैली है. हरियाणा से कई देशों के लिए चावल की बेहतरीन किस्मों का निर्यात किया जाता है. यही वजह है कि हरियाणा के किसान खरीफ के सीजन (kharif season 2021) में धान की फसल मुख्य तौर पर लगाते हैं.

ऐसे में खरीफ सीजन में इस बार किसान धान की कौन सी किस्म लगातार (best paddy variety) मोटा मुनाफा कमा सकते हैं और किस तकनीक का इस्तेमाल कर धान की फसल की लागत कम और मुनाफा ज्यादा किया जा सकता है. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर एसएस पूनिया से खास बातचीत की.

कृषि विज्ञानित से जानें फायदे की खेती का फॉर्मूला

किसी भी फसल को बोने के लिए सबसे जरूरी बीज की क्वालिटी होती है. कई बार किसान महंगे बीज और खाद का इस्तेमाल तो कर लेते हैं, लेकिन फिर भी उपज सही तरीके से नहीं हो पाती. अच्छे उत्पाद के लिए जरूरी है कि मिट्टी और मौसम के हिसाब से बीज की किस्म का चुनाव किया जाए. ऐसे में किसान भाई इस बार धाम की कौन सी किस्म को लगा सकते हैं ये बताया डॉक्टर एसएस पूनिया ने.

डॉक्टर एसएस पूनिया ने बताया कि दो तरीके से धान की रोपाई की जाती है. पहला तो कद्दू रोपाई और दूसरा सीधी रोपाई. पूनिया के मुताबिक कद्दू रोपाई की तुलना में सीधी रोपाई करने से किसानों की लागत कम होगी बल्कि मुनाफा भी ज्यादा होगा.

हरियाणा में हर साल लाखों किसान उगाते हैं धान

कद्दू और सीधी रोपाई में अंतर

चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर कद्दू और सीधी रोपाई में क्या अंतर होता है? दरअसल, सबसे पहले धान के बीज को नर्सरी में उगाया जाता है और उसकी पौध तैयार होने के बाद उसे खेत में लगाया जाता है. पौध लगाने से पहले जमीन में पानी लगा कर उसे ट्रैक्टर के जरिए रोपा जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को कद्दू रोपाई कहा जाता है. कद्दू रोपाई में लेबर की मदद से धान के पौधे को जमीन में लगाया जाता है.

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अब बात करते हैं सीधी रोपाई की. ये तरीका भी अब काफी प्रचलित हो रहा है, क्योंकि कद्दू रोपाई की तुलना में सीधी रोपाई के कई फायदें हैं. जैसे इसे लगाने में कम समय लगता है और रोपाई के लिए लेबर की जरूरत भी नहीं पड़ती है.

धान की रोपाई कैसे करें

डॉक्टर एसएस पूनिया ने बताया कि सीधी रोपाई में डीएसआर मशीन के जरिए बीज सीधा खेत में रोप दिया जाता है. इस तरीके की रोपाई में आपको ना तो ज्यादा पानी की जरूरत होती है और ना ही लेबर की, क्योंकि इस रोपाई में बिना पौध पर खर्चा किए बीज को ही सीधा खेत में रोप दिया जाता है. हालांकि इस तरीके में खतपतवार (धान के पौधे के साथ आने वाले अनचाहे दूसरे पौधे) का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

कौन सा तरीका है बेहतर और फायदेमंद?

डॉक्टर एसएस पूनिया के मुताबिक घटते जमीनी स्तर को देखते हुए किसान भाइयों को धान की सीधी रोपाई करनी चाहिए, जिससे खर्च भी कम होगा और धान की पैदावार पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सीधी रोपाई से प्रति एकड़ किसान का 5 हजार रुपये तक बचता है.

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अगर कोई किसान सीधी रोपाई करना चाहता है तो उसे कम समय में पकने वाली फसलें. जैसे बासमती की फसलें लगानी चाहिए. बासमती पूसा 1121, पूसा 1509, पूसा 1517, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की पीआर 7 किस्म, पूसा 1401 की बिजाई कर सकते हैं. इन किस्मों के बाद किसान गेहूं की बिजाई आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि ये जल्दी पक कर तैयार हो जाती हैं. इसके अलावा इन किस्मों के दाम भी अच्छे मिलते हैं.

मोटे धान की 115 से 120 दिन में पकने वाली किस्म

सवा 27, सवा 127, सवा 134, अराइज 33, राइज 64, स्विफ्ट गोल्ड. ये फसल अच्छी पैदावार देती हैं और इनकी फसल के बाद आलू, सूरजमुखी, उड़द और मक्का आदि की फसल आसानी से रोपी जा सकती है.

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

135 से 140 दिन में पकने वाली धान की किस्म

किसानों के लिए खास सुझाव देते हुए डॉक्टर एसएस पूनिया ने कहा कि अगर कोई किसान सीधी रोपाई ना करके कद्दू करके धान लगाता है तो उसे अभी बासमती की रोपाई नहीं करनी चाहिए. बासमती की रोपाई 1 जुलाई के बाद की जानी चाहिए. अब लंबे समय में पकने वाली फसल भी लगा सकते हैं. जैसे hkr 126, hkr 47, पूसा 44, पूसा डोगर, बयर अराइज जो 135 से 140 दिन तक पकते हैं.

दूसरे चरण में फसल का ऐसे रखें ध्यान

30 दिन के बाद दूसरे फेज में यानी की अगस्त में लेप्टो क्लोव और झाड़ू वाला घास धान के साथ लग जाते हैं. उसके लिए 400 ml राइज स्टार का छिड़काव करें. इसे डालने से धान के पौधे मकड़े से भी बचे रहेंगे. किसानों को कम से कम दो खरपतवार नाशी का छिड़काव करना जरूरी है.

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Last Updated :Jun 19, 2021, 5:42 PM IST

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