फतेहबाद: सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर गांव धांगड़, हिसार और भिरडना के 10 युवाओं से 97 लाख रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है. पिछले साल नौकरी लगवाने के नाम पर पीड़ित ने ये रुपये दिए थे. इस दौरान आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज भी दिए लेकिन नौकरी नहीं मिली. पुलिस ने गांव धांगड़ निवासी सुरेंद्र कुमार उर्फ सुंदर की शिकायत पर हिसार सेक्टर 13 निवासी भावना, पति प्रमोद व जेठ प्रवीण कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 97 लाख की ठगी, सावित्री जिंदल के नाम पर चल रहा था रैकेट
जिला फतेहाबाद में सरकारी नौकरी लगवाने के एक रैकेट (government job fraud in fatehabad) का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
गांव धांगड़ निवासी सुरेंद्र कुमार उर्फ सुंदर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 2020 में उसकी पहचान भावना के साथ हुई थी. उसने बताया था कि वह सरकारी नौकरी लगवाने आदि का काम भी करती है. ऐसे में राजनेताओं से लेकर अधिकारी भी उसके संपर्क मे हैं. अगर रुपये का इंतजाम हो सकता है तो वह नौकरी लगवा सकती है. पीड़ित ने बताया कि उसकी पत्नी पढ़ी लिखी है ऐसे में उसकी नौकरी लगवाने के लिए उसने भावना से कहा. सुरेंद्र ने अपने जानकारों को भी बता दिया कि इस तरह अगर रुपये देंगे तो उसे सरकारी नौकरी मिल सकती है.
इस तरह 10 युवाओं ने अलग-अलग विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर 97 लाख रुपये भावना को दे दिए. इस दौरान आरोपियों ने फर्जी लेटर भी दे दिए लेकिन कुछ नहीं हो सका. जब रुपये वापस मांगे गये तो देने से मना कर दिया. शिकायतकर्ता सुरेंद्र ने बताया कि उसकी बात एक महिला से करवाई गई. जिसने अपने आप को हिसार की पूर्व एमएलए सावित्री जिंदल बताया. इसके अलावा उसके पीए का नाम लेकर एक व्यक्ति ने बात भी करवाई ताकि विश्वास हो जाए. इसी विश्वास के नाम पर उन लोगों ने रुपये दे दिये.