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महिला आयोग चेयरपर्सन ने की जनसुनवाई, 14 जिलों के 40 पेंडिंग मामलों का किया निपटारा

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Published : Nov 29, 2022, 7:08 PM IST

हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन (Haryana Women commission chairperson) रेनू भाटिया ने फरीदाबाद में पेंडिंग मामलों की सुनवाई की. इस दौरान 14 जिलों के करीब 40 केसों का निष्तारण किया गया. शेष जिलों की सुनवाई 15 से 20 दिसंबर के बीच की जाएगी.

Haryana Women commission chairperson Renu Bhatia heard disposed of 40 pending cases of 14 districts
महिला आयोग चेयरपर्सन ने की सुनवाई, 14 जिलों के 40 पेंडिंग मामलों का किया निष्तारण

फरीदाबाद: हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन (Haryana Women commission chairperson) रेनू भाटिया ने मंगलवार को फरीदाबाद में विभिन्न जिलों के लंबित मामलों को लेकर सुनवाई की. प्रदेश के 14 जिलों के शिकायतकर्ता और उनसे संबंधित पुलिस अधिकारी यहां पहुंचे. चेयरपर्सन ने बताया कि इस वर्ष दिसंबर तक के पेंडिंग केसों की सुनवाई की जा रही है. प्रदेश के शेष जिलों की सुनवाई 15 से 20 दिसंबर के बीच की जाएगी ताकि इस वर्ष के तमाम केस निपटाए जा सके. चेयरपर्सन रेनू भाटिया (Renu Bhatia In Faridabad) ने बताया कि मंगलवार को ज्यादातर केस घरेलू हिंसा और तलाक को लेकर आए हैं.

यहां आपसी सहमति से दोनों पक्षों को सुनकर इन मामलों का निष्तारण किया जा रहा है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान रेनू भाटिया ने बताया कि इसी वर्ष 19 जनवरी को उन्होंने पदभार ग्रहण किया था. इसके बाद से उन्होंने जिलों में जाकर सुनवाई की थी. अब वर्ष के अंत में पेंडिंग मामलों की सुनवाई की जा रही है. 14 जिलों से शिकायतकर्ता यहां पहुंचे हैं जिनकी 35 से 40 शिकायतें पेंडिंग है. पुराने मामलों के अलावा कुछ नए केस भी शामिल किए गए हैं. उन्होंने कहा कि महिला आयोग की प्राथमिकता रहती है कि हर बेटी को इंसाफ मिले.

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महिला आयोग (Haryana Women commission)के सामने आए यह मामले: सोनीपत से आई रेखा ने बताया कि उनके पड़ोसियों ने उनके घर में घुसकर उनकी और उनकी बेटी की डंडों से पिटाई की और कपड़े तक फाड़ डाले. महिला थाने में रिपोर्ट करने के बाद भी उन्हें इंसाफ नहीं मिला. यहां पहुंचकर उन्हें उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा. वही फरीदाबाद की वहीदा ने बताया कि उनकी बेटी को योगेश बहला-फुसलाकर भगा ले गया है. इस संबंध में शिकायत करने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

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अब वह महिला आयोग की चेयरपर्सन के सामने फरियाद लेकर आई है. इसी तरह पलवल से आए बुजुर्ग रमेश चंद्र ने बताया कि उनका भांजा 2004 में दो बच्चों की मां को घर ले आया था. जिस पर उनकी बहन ने एतराज किया तो उनका लड़का घर से कहीं चला गया. इसके बाद बुजुर्ग रमेश अपनी बहन का घर बेचकर उसे पलवल ले आए. यहां नया घर लेकर बसा दिया लेकिन 2006 में भांजा वापस घर लौट आया. अब वह मकान पर कब्जा कर शराब पीकर रोजाना अपनी मां को तंग करता है. उन्होंने कहा कि वे इंसाफ के लिए यहां आए हैं.

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