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हरियाणा के सीएम ने प्रकाश सिंह बादल को समर्पित किया वाटर कॉन्क्लेव, भूजल रिचार्ज और पानी संरक्षण का किया आह्वान

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Published : Apr 26, 2023, 4:48 PM IST

पंचकूला में बुधवार से शुरू हुई दो दिवसीय जल संगोष्ठी (water conclave in Panchkula ) के उद्घाटन सत्र में सीएम मनोहर लाल शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने भूजल रिचार्ज और पानी संरक्षण के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया.

water conclave in Panchkula
हरियाणा के सीएम ने प्रकाश सिंह बादल को समर्पित किया वाटर कॉन्क्लेव

चंडीगढ़:मुख्यमंत्री आज पंचकूला में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित 2 दिवसीय जल संगोष्ठी अमृत जल क्रांति के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए. सीएम मनोहर लाल ने वाटर कॉन्क्लेव को किसानों के मसीहा और किसानों की चिंता करने वाले सरदार प्रकाश सिंह बादल को समर्पित किया. इस दौरान सीएम ने नागरिकों से आह्वान किया कि आज के समय में पानी की उपलब्धता, मांग और पूर्ति हेतु जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन सहित पानी के समुचित उपयोग की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. सीएम ने कहा, 'हम सभी का दायित्व बनता है कि जिस प्रकार हमें विरासत में हमारे पूर्वजों ने पानी दिया है, उसी प्रकार हम भी आने वाले पीढ़ियों को विरासत में जल दें.'

सीएम मनोहर लाल ने पंचकूला में वाटर कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पानी बचाने का संदेश देते हुए कहा कि यह जन भागीदारी के बिना सफल नहीं हो सकता है. उन्होंने सभी से आह्वान करते हुए पानी बचाने की मुहिम को मिशन मोड में लेने की अपील की. इस दौरान सीएम ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल को याद करते हुए कहा कि वे सदैव किसानों की बात करते थे.

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उन्होंने कहा कि जब वे पिछले वर्ष अस्पताल में उनसे मिलने गए थे, उस दौरान भी उन्होंने किसानों का ध्यान रखने की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पानी का प्राकृतिक स्त्रोत नहीं है इसलिए भविष्य के लिए पानी का संग्रहण कर इसे सहेजना जरूरी है. हरियाणा में औसतन वर्षा 5 इंच यानी 150 मिलीमीटर होती है. इसके अलावा, यमुना, सतलुज-रावी-ब्यास का पानी भाखड़ा डैम के जरिए प्रदेश को मिलता है.

3.5 एमएएफ पानी एसवाईएल के कारण हमें नहीं मिल पा रहा है. हरियाणा में 20 एमएएफ पानी ही उपलब्ध है, जबकि प्रदेश में पानी की मांग 34 एमएएफ है. ऐसे में इस 14 एमएएफ के अंतर को पूरा करना चुनौती है. सीएम ने चिंता जताते हुए कहा कि आज प्रदेश के 85 ब्लॉक डार्क जोन में आ गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की मांग और उपलब्धता के अंतर को पूरा करने के लिए वर्षा के पानी का संग्रह करना बेहद जरूरी है.

उन्होंने तालाबों और झीलों की क्षमता बढ़ाने और भूजल रिचार्जिंग पर काम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्ज से ज्यादा पानी आज धरती से निकाला जा रहा है. सीएम ने कहा कि वर्तमान में 139 प्रतिशत भूजल का दोहन किया जा रहा है. उन्होंने भूजल रिचार्ज में आ रही समस्या से निजात पाने के लिए भूमि सुधार की तकनीकों पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई है.

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सीएम मनोहर लाल ने थ्री- आर यानी रिड्यूस, रीसाइकिल और रीयूज की अवधारणा को अपनाने की जरूरत बताते हुए अधिक से अधिक ट्रीटेड वाटर का उपयोग करने पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश में 200 एसटीपी और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, जिनसे करीब 1 हजार 800 एमएलडी पानी का उपयोग किया जा रहा है. इस दौरान सीएम ने सिंगापुर का उदाहरण देते हुए कहा कि भूजल रिचार्ज और पानी संरक्षण के लिए नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है.

इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा. उन्होंने बताया कि हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने भूजल की गहराई जांचने के लिए 1700 पीजो मीटर लगाए हैं. सीएम ने भूजल दोहन तथा इसके उपयोग की मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि प्रत्येक 6 महीने या साल भर में भूजल का आकलन किया जाना चाहिए.

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