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अनिल नागर की जांच से डर रही खट्टर सरकार, इसीलिए बिना जांच के किया बर्खास्त- सुरजेवाला

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Published : Dec 8, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 6:21 PM IST

हरियाणा में हुए भर्ती घोटाले को लेकर इन दिनों सियासत तेज हो गई (HPSC Recruitment Scam Case) है. एक ओर कांग्रेस ने जहां इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रही. वहीं दूसरी ओर पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला लगातार हरियाणा सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर सरकार अनिल नागर की जांच से क्यों डर रही(Randeep Surjewala Comments On Anil Nagar) है.

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चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला

चंडीगढ़:हरियाणा में नौकरी घोटालों को लेकर सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस लगातार घोटाले को लेकर सरकार का विरोध कर रही है और इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने प्रेस कान्फ्रेंस की. इस दौरान सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि आखिर खट्टर सरकार अनिल नागर की जांच से क्यों डर रही (Randeep Surjewala Comments On Anil Nagar)है.?


सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने अनिल नागर को बिना जांच किए ही बर्खास्त क्यों कर दिया. अगर अनिल नागर को बर्खास्त करना था तो पहले उससे जुड़ी सारी जांच को पूरा किया जाना चाहिए था. ताकि इस घोटाले की सारी परतें खुल सकें, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया और जल्दबाजी में अनिल नागर को बर्खास्त कर दिया. इससे यह साफ हो जाता है कि सरकार कहीं ना कहीं भर्ती घोटाले से जुड़ी जांच में होने वाले खुलासों से डर रही (Surjewala Comments On HPSC Recruitment Scam)है. इसलिए वह अनिल नागर से जुड़ी जांच को नहीं करवाना चाहती.

यही नहीं सुरजेवाला ने यह भी कहा कि जब राज्यपाल खुद भर्तियों में गड़बड़ी की बात मान चुके हैं तो सरकार उन भर्तियों को रद्द क्यों नहीं करती. इसके अलावा भर्ती घोटाले में पंचकूला की एक आईटी कंपनी का भी नाम आया है, लेकिन विजिलेंस ने आज तक उस कंपनी के मालिक को जांच के लिए नहीं बुलाया और ना ही उसे कोई पूछताछ की गई. क्या खट्टर सरकार बता सकती है कि ऐसा क्यों किया गया.

वहीं दूसरी ओर किरण चौधरी ने कहा कि इस सरकार में इतने घोटाले सामने आ चुके हैं कि इस सरकार को घोटालों की सरकार कहा जाना चाहिए. इनमे सबसे पहले तो रजिस्ट्री घोटाला, शराब घोटाला और अब भर्ती घोटाला सामने आ चुका है. पहले हुए किसी भी घोटाले की अब तक जांच नहीं की गई और सरकार बचती चली जा रही है. उन्होंने कहा कि एचपीएससी और एचएसएससी से जुड़े कई घोटाले सामने आ चुके (Kiran Choudhry Comments On HPSC Recruitment Scam) हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इन दोनों संस्थाओं के चेयरमैनों से पूछताछ क्यों नहीं की. उन्हें जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया.

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क्या है मामला ?
गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था. 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था. वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

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इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर (HPSC Deputy Secretary Anil Nagar) के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए. तब अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं. इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया.

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Last Updated :Dec 8, 2021, 6:21 PM IST

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