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ई-टेंडरिंग प्रणाली पर स्टे नहीं, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जारी किया नोटिस

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Published : Feb 9, 2023, 7:05 PM IST

हरियाणा सरकार की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची याचिका पर हाईकोर्ट ने स्टे (high court chandigarh on e tendering) नहीं लगाया है. हालांकि स्टे न लगाते हुए कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस किया है. इस नोटिस के जरिए उन्होंने जवाब मांगा है.

No stay of Chandigarh High Court on e-tendering system
ई टेंडरिंग प्रणाली पर हाईकोर्ट का स्टे

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की पंचायतों के लिए ई-टेंडरिंग के मुद्दे को लेकर चंडीगढ़ हाईकोर्ट में कुछ ग्राम पंचायतों की ओर से याचिका लगाई गई थी. इस याचिका में उन्होंने स्टे दिए जाने की गुहार लगाई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्टे नहीं लगाया है. वहीं अगली सुनवाई अप्रैल में कराई जा सकती है. लेकिन हरियाणा सरकार, ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग के वित्तायुक्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा पंचायती राज विभाग के मुख्य अभियंता को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी किया है.

ई-टेंडरिंग मामले में कुरुक्षेत्र की मामु माजरा ग्राम पंचायत समेत जिले की कुछ और ग्राम पंचायतों ने याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार के 19 जनवरी के आदेश को रद् करने की मांग की थी. इसके बाद ई-टेंडर प्रक्रिया अपनाने का आदेश दिया गया था. पंचायतों द्वारा लगाई गई याचिका में कहा गया है कि बीजेपी सरकार के पिछले कार्यकाल 2015 में भी इसी तरह की ई-टेंडरिंग प्रणाली शुरू की गई थी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

ई टेंडरिंग प्रणाली पर हाईकोर्ट का स्टे नहीं

इसके बाद वापस ली गई थी. याचिका में सरपंचों का आरोप है कि समय के साथ हरियाणा पंचायती राज कानून 1994 में कई संशोधन करके उनके अधिकार कम कर दिए गए हैं. इधर इस मामले में सरकार की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में गांवों के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक स्वायत्ता प्रदान करते हुए उनकी शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया है.

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अब पंचायती राज संस्थाएं अपने फंड व ग्रांट इन ऐड से छोटे या बड़े, चाहे जितनी भी राशि के काम हों, करवा सकती है. दो लाख रुपये से अधिक के विकास कार्य ई-टेंडर के माध्यम से होंगे, जिससे न केवल कार्यों में तेजी आएगी बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी और ग्रामीणों को भी विकास कार्यों की जानकारी मिलती रहेगी. मुख्यमंत्री की ओर से इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं को 1100 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है. इस बजट में से 850 करोड़ केवल पंचायतों को दिया गया है. नई पंचायतों द्वारा प्रस्ताव पारित कर विकास कार्य भी शुरू करवा दिए गए हैं. बता दें कि हरियाणा में संरपचों का ई टेंडरिंग प्रणाली पर विरोध लगातार जारी रही है.

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