चंडीगढ़: सोमवार को चंडीगढ़ में पंचायत विभाग की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में की गई. पंचायत विभाग की इस बैठक में हरियाणा पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली भी मौजूद रहे. हरियाणा निवास में हुई इस बैठक में जिला परिषदों के चेयरमैन शामिल थे, जिनके साथ मुख्यमंत्री और मंत्री की बैठक की गई. मीडिया को जानकारी देते हुए पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने बताया कि बैठक में जिला परिषद को मजबूती देने पर बात हुई है और अध्यक्षों से सुझाव भी लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पंचायती राज के तहत विकास कार्यों का विकेंद्रीकरण करने का है.
जब पंचायत मंत्री से पूछा गया कि क्या बैठक में ई- टेंडरिंग को लेकर भी सुझाव आए हैं तो उन्होंने कहा कि बैठक में ई-टेंडरिंग को लेकर भी सुझाव दिए गए हैं. पंच कर्म के रास्ते जिला परिषद को सौंपने पर भी बात हुई है. गांव को जोड़ने वाले पुराने रास्तों की देखरेख और नई सड़कें बनाकर जिला परिषद को सौंपने का भी सुझाव आया है. वहीं, हरियाणा पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली से जब ई-टेंडरिंग पर सरपंचों का विरोध पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग सरकार का फैसला है. इसका मकसद गांव में विकास कार्यों में गुणवत्ता लाना है. ई-टेंडरिंग को लेकर सरकार के साथ बातचीत के रास्ते खुले हैं. 9 मार्च सरपंचों की मुख्यमंत्री के साथ बैठक होगी.
वहीं, जब देवेंद्र बबली से यह सवाल किया गया कि बीते दिनों आपने बयान दिया था कि अगर सरपंच काम नहीं करते हैं तो पंच को भी अधिकार दिया जा सकता है, अगर सरपंचों की बातचीत विफल हो जाती है तो क्या फिर पंचों को अधिकार दिया जाएगा, इसको लेकर उन्होंने कहा कि सरपंचों के मामले मे रोज इम्प्रूवमेंट हो रहा है. आज तक 4000 पंचायत काम पर लग चुके हैं, इसका असर आने वाले समय में दिखाई देगा. मेरा बाकियों से भी अनुरोध है कि वो भी काम करें जो दिक्कतें हैं वो भी दूर की जाएगी.