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चंडीगढ़ में हॉकी की नई स्पोर्ट्स पॉलिसी लागू करने की तैयारी, स्पोर्ट्स एसोसिएशन 17 सुझावों पर करेगा चर्चा

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Published : May 25, 2023, 6:38 PM IST

Updated : May 25, 2023, 7:56 PM IST

chandigarh hockey new sports policy

स्पोर्ट्स एसोसिएशन चंडीगढ़ हॉकी की नई स्पोर्ट्स पॉलिसी (chandigarh hockey new sports policy ) लागू करने की तैयारी कर रहा है. इसे 4 से 5 महीने में लागू किया जा सकता है.

चंडीगढ़:चंडीगढ़ में हॉकी की नई स्पोर्ट्स पॉलिसी जल्द ही लागू की जाएगी. चंडीगढ़ स्पोर्ट्स डायरेक्टर सौरभ कुमार अरोड़ा ने बताया कि इसमें 4 से 5 महीनों का समय लग सकता है. शहर के कई खिलाड़ियों द्वारा स्पोर्ट्स पॉलिसी की मांग भी की जा रही थी. जिसको लेकर शहर के सभी खिलाड़ियों, कोच और खेल एसोसिएशन से सुविधाओं और खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर सुझाव मांगे गए थे. एसोसिएशन को उक्त लोगों से 50 सुझाव मिले थे, जिनमें से 17 का चयन किया गया है. इनमें से जो सुझाव ‌स्वीकार करने योग्य होंगे, उन्हें नई स्पोर्ट्स पॉलिसी में शामिल किया जाएगा.

चंडीगढ़ सेक्टर-42 स्थित इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम को छोड़ दें तो शहर में हॉकी के खिलाड़ियों के लिए कोई खास सुविधा नहीं है. सेक्टर-42 स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एक सिक्स ए साइड हॉकी ग्राउंड और सेक्टर-18 में पंजाब यूनिवर्सिटी में हॉकी का मैदान है. जहां सिर्फ स्कूल लेवल के खिलाड़ी प्रैक्टिस कर पाते हैं. सिक्स ए साइड हॉकी ग्राउंड और सेक्टर-18 हॉकी ग्राउंड में सुविधाएं वैसी नहीं मिलती, जहां पर खिलाड़ी किसी बड़े टूर्नामेंट की तैयारियां कर सके. मौजूदा समय में अलग अलग राज्यों से आए 50 के करीब खिलाड़ी ही इन मैदानों पर तैयारी कर रहे हैं.

चंडीगढ़ में हॉकी खिलाड़ियों के लिए सुविधा का अभाव: चंडीगढ़ खेल विभाग द्वारा खेल के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए इनडोर मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया गया है. इसके अलावा हॉकी के खिलाड़ियों के लिए चंडीगढ़ में कोई सुविधा नहीं है. शहर के मैदानों में सुविधा नहीं होने के बावजूद ओलंपिक खेलने वाले खिलाड़ियों में चंडीगढ़ के भी खिलाड़ी शामिल होते हैं. मौजूदा खिलाड़ियों की बात करें तो वे आज भी पुराने प्रबंधों और मैदानों में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ प्राइवेट आकदमी हैं, जो सुविधाएं अच्छी देते हुए खिलाड़ियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. यहां खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधाएं दी जाती है लेकिन सरकारी तौर पर ऐसा नहीं है.

चंडीगढ़ सेक्टर-42 स्थित इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम.

खिलाड़ियों, कोच और खेल एसोसिएशन से मांगे सुझाव: चंडीगढ़ में हॉकी खेल के प्रर्याप्त मैदान व संसाधन उपलब्ध नहीं है. इन कमियों को दूर करने के लिए हॉकी चंडीगढ़ सचिव ने चंडीगढ़ प्रशासन शहर के खेल प्रमोशन की दिशा में स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाने फैसला लिया था. जिसके लिए चंडीगढ़ के सभी खिलाड़ियों, कोच और खेल एसोसिएशन से सुविधाओं को बढ़ाने और खेल को प्रोत्साहन देने के लिए सुझाव मांगे गए थे. इन सुझाव में नकद पुरस्कार, खिलाड़ियों को दी जानी वाली छात्रवृत्ति और अलग श्रेणियों में कोच के सम्मान की मांग का उल्लेख किया गया है. पत्र में खेल एसोसिएशन को राज्य चैंपियनशिप और राष्ट्रीय शिविरों और अन्य आयोजनों के दौरान व्यावहारिक रूप से कठिनाइयों का सामना किए जाने का जिक्र किया है.

खेल विभाग को दिए गए सुझाव:खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अन्य सभी श्रेणियों में न्यूनतम 3 टियर एसी रेलवे यात्रा का पात्र होना चाहिए. एसोसिएशन और क्लब को ए ग्रेड अखिल भारतीय टूर्नामेंट के आयोजन के लिए न्यूनतम राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये दिए जाए. नेशनल चैंपियनशिप के लिए और कैंप के दौरान टीमों के लिए खेल परिसर में ही ठहरने व आवास की व्यवस्था की जाए. मान्यता प्राप्त एसोसिएशन और क्लबों के लिए मैदान और कमरों की बुकिंग फ्री होनी चाहिए.

चंडीगढ़ में हॉकी खेल के प्रर्याप्त मैदान व संसाधन उपलब्ध नहीं.

चंडीगढ़ प्रशासन स्टेट एसोसिएशन को उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित करे. इसके साथ ही संबंधित कोचों को भी उचित सम्मान दिया जाना चाहिए. उनके प्रदर्शन/उपलब्धि के अनुसार पदोन्नति-वेतन वृद्धि दी जाए. संबंधित संघ को अपने भीतर और आसपास विज्ञापन की अनुमति देने की सुविधा दी जाए. अंतरराष्ट्रीय समिति के मानकों के अनुसार स्टेडियम का नवीनीकरण व रखरखाव किया जाए. खेलो इंडिया क्वालिफायर गेम्स और नॉर्थ जोन जैसे अन्य आयोजनों के लिए भी अनुदान दिया जाए.

चंडीगढ़ खेल परिषद की जनरल बॉडी मीटिंग वर्ष में दो बार आयोजित की जाए. खिलाड़ियों का यात्रा भत्ता 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन किया जाए. किसी भी टूर्नामेंट के दौरान फ्लड लाइट का उपयोग करने की दरें न लाभ न हानि पर तय होनी चाहिए. नेशनल कैंप और अन्य चैंपियनशिप के दौरान खिलाड़ियों को रिफ्रेशमेंट-डाइट मनी दी जानी चाहिए. स्टेट चैंपियनशिप का अनुदान 15 हजार रुपये के स्थान पर न्यूनतम एक लाख रुपये होना चाहिए. निदेशक खेल एवं सचिव खेल की शक्ति (सहायता, अनुदान व स्वीकृति) होनी चाहिए.

पिछली सीमा के बजाय क्रमशः न्यूनतम दो लाख और पांच लाख बढ़ाई जाए. क्यों कि पिछली वित्तीय अधिकार की सीमा काफी कम है. सभी एसोसिएशन को बैठकों और कॉन्फ्रेंस के लिए खेल परिसर में कांफ्रेंस हाल निःशुल्क उपलब्ध कराया जाए. चैंपियनशिप से पहले एसोसिएशन को 12.50 प्रतिशत सहायता अनुदान अग्रिम रूप से दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही रेलवे टिकट बुकिंग, यात्रा भत्ता, खिलाड़ी किट आदि जैसे उनके पूर्व व्यय को पूरा करें.

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Last Updated :May 25, 2023, 7:56 PM IST

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