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Chandigarh Cab Driver Strike: 10 अगस्त से ट्राई सिटी में कैब चालकों की हड़ताल, प्रशासन को 5 दिन का अल्टीमेटम, जानिए वजह

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Published : Aug 8, 2023, 11:10 PM IST

चंडीगढ़ में कैब सर्विस बंद: चंडीगढ़ समेत पंचकूला और मोहाली में गुरुवार से कैब सर्विस बंद रहेंगी. जिसके चलते ट्राईसिटी के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. कैब चालकों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है

Chandigarh Cab Driver Strike
चंडीगढ़ में कैब सर्विस बंद

चंडीगढ़:ट्राई सिटी (चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली) में बुधवार से कैब ड्राइवर हड़ताल पर रहेंगे. कैब चालकों ने ऐलान किया है कि शहर के अलावा पंचकूला, मोहाली में भी 10 अगस्त से 15 अगस्त तक कैब सर्विस बंद रहेगी. जिसके चलते ट्राई सिटी के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. कैब यूनियन ने 5 दिन तक सर्विस बंद करने का अल्टीमेटम दिया है. कैब चालक अपनी मांगों के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 25 रैली ग्राउंड में भूख हड़ताल भी करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गई तो आमरण अनशन शुरू कर दिया जायेगा.

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बता दें कि कैब चालकों की सबसे बड़ी मांग सुरक्षा को लेकर है. उनका कहना है कि जिस तरीके बीते 6 महीने पहले एक कैब चालक की हत्या कर दी थी. उस कैब चालक का मर्डर किसने किया था, ये आज तक पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद कैब चालक अपनी सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि हाल ही में मुल्लांपुर के पास एक कैब चालक की हत्या की गई थी. जिसके बाद से कैब चालकों में रोष है. अब राज्य सरकार से कड़े नियम बनाए जाने की भी मांग की जा रही है.

5 दिन की हड़ताल पर कैब चालक

वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन से उन्होंने किराये का रेट बढ़ाने की भी मांग की है. उन्होंने दावा किया है कि इसका असर सवारी पर नहीं पड़ेगा. कैब यूनियन का कहना है कि कंपनियां सवारी से पूरे पैसे वसूल कर उन्हें कम पैसे दे रही हैं. मांगों को लेकर अलग-अलग यूनियन के नुमाइंदे एकत्र हुए और अपने हक की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान कर दिया. कैब चालकों का दावा है कि इससे पहले उनको 28 रुपये किलोमीटर के हिसाब से पैसे मिलते थे. लेकिन धीरे-धीरे कम करते हुए अब महज 8 से 9 रुपये ही प्रति किलोमीटर दिए जा रहे हैं. जिसके चलते उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है. पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने पहले से ही चालकों की कमर तोड़कर रख दी है.

कैब चालकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ ने कहा कि कंपनियों ने कराधान, कमीशन, किराये और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर उन्हें खुले तौर पर अपमानित किया जाता रहा है. जिससे उन पर काफी कर्ज हो गया और यहां तक कि उनकी जान भी चली गई. वहीं, यूनियन के प्रवक्ता इंद्रजीत सिंह ने बताया कि कंपनियों की लापरवाही ने उन्हें आपराधिक साजिशों का शिकार बना दिया है. उन्होंने निजी नंबरों वाले वाहनों के अनियंत्रित संचालन पर प्रकाश डाला, जिससे कानून का पालन करने वाले ड्राइवरों को खतरा होता है.

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