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भिवानी में क्रेशर मालिकों और मजदूरों ने किया प्रदर्शन, खनन कार्य बंद होने पर जताया विरोध

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Published : Dec 21, 2021, 7:29 PM IST

हरियाणा के कई जिलों में पिछले कुछ समय से खनन कार्य पर पाबंदी लगाई गई है. जिससे बेरोजगार हुए क्रेशर मालिकों और मजदूरों ने मंगलवार को भिवानी की सड़कों पर प्रदर्शन (labour Protest in Bhiwani) किया. साथ ही सरकार को भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

Crusher Union Protest in Bhiwani
Crusher Union Protest in Bhiwani

भिवानी: हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण के चलते एनजीटी ने खनन कार्यों पर पाबंदी लगा दी थी. जिसके चलते प्रदेश के कई मजदूर और खनन कार्यों से जुड़े लोग बेरोजगार हो गए. काफी समय से काम बंद होने के चलते नाराज मजदूरों और क्रेशर मालिकों ने मंगलवार को भिवानी की सड़कों पर प्रदर्शन (labour Protest in Bhiwani) किया. साथ ही सरकार को दो दिनों का अल्टीमेटम देकर भूख हड़ताल की चेतावनी दी. बता दें कि सरकार के खनन कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के बाद कई मजदूर बेरोजगार हो गए. हालांकि सरकार ने पर्यावरण में सुधार होता देख कई जिलों में निर्माण कार्य शुरू करवा दिया. लेकिन भिवानी, चरखी दादरी और नारनौल में अभी भी क्रेशर बंद पड़े हैं.

भिवानी में पिछले डेढ़ माह से क्रेशर बंद (Closure Of Crusher In Bhiwani) पड़े हैं. जिससे मजदूरों और क्रेशर मालिकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते गुस्साए क्रेशर मालिकों और मजदूरों ने मंगलवार को भिवानी में सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है. इस दौरान क्रेशर मालिकों ने बताया कि दो दिन बाद क्रेशर यूनियनों की मीटिंग आयोजित होगी. जिसके बाद यूनियन जो फैसला लेगी, वो मान्य होगा और सरकार के रोकने पर भूख हड़ताल पर जाने की (Crusher Union Protest in Bhiwani) चेतावनी दी.

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पूरे मामले में भिवानी क्रेशर एसोसिएशन के चेयरमैन सतबीर रतेरा ने कहा कि अक्टूबर माह में देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण (Delhi Air pollution) को देखते हुए दिल्ली सरकार ने हरियाणा, पंजाब व यूपी सरकार पर पर्यावरण दूषित करने के आरोप लगाए थे. जिस पर जमकर राजनीति भी हुई और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. इसके बाद एनजीटी ने एनसीआर में निर्माण व खनन कार्यों पर रोक लगाई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे पर्यावरण में सुधार हुआ, तो कई इलाकों में निर्माण कार्यों को शुरू कर दिया पर भिवानी, चरखी दादरी व नारनौल में अब भी डेढ़ माह से क्रेशर बंद पड़े हैं. इससे क्रेशर मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है और हजारों मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं और निर्माण कार्य करने वाले लाखों लोगों को निर्माण सामग्री महंगी मिल रही हैं.

वहीं चरखी दादरी क्रेशर एसोसिएशसन प्रधान सोमबीर घसौला ने कहा कि इन सब बातों को लेकर उन्होंने शहर में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया है. जिसमें चरखी दादरी के लोग भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य जारी हैं और सारी निर्माण सामग्री राजस्थान से आ रही है. जिससे सरकार को राजस्व का घाटा है और जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है. इसके अलावा क्रेशर मालिकों ने दो दिन तक क्रेशर चालू नहीं करने पर यूनियन की निर्देशानुसार भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी.

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