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भिवानी में नर्सिंग छात्रावास की छत का मलबा गिरने से हुआ हादसा, दो घायल

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Published : Feb 12, 2020, 8:17 PM IST

नर्सिंग छात्रावास के कमरों में छत का मलबा गिरने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में दो छात्राएं घायल हो गईं. वहीं छात्राओं का आरोप है कि उन्होंने छात्रावास के खस्ताहाल होने की शिकायत भी कई बार कर दी है. विस्तार से पढ़ें.

Accident occurred due to falling debris of nursing hostel roof
नर्सिंग छात्रावास की छत का मलबा गिरने से हुआ हादसा

भिवानी: जिले के नर्सिंग छात्रावास का सूरत-ए-हाल पिछले 20 साल से नासाज है. समय-समय पर हादसे होते हैं और अधिकारी भरोसा देते है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा, लेकिन भरोसा देने वाले अधिकारी आते रहे और जाते रहे. नर्सिंग छात्रावास की हालत दिन-प्रतिदिन ओर खस्ता होती गई. अब तो नौबत यह आ गई है कि न जाने चार मंजिला नर्सिंग छात्रावास के किस तल पर किस समय मलबा गिर जाए और बड़े हादसे का कारण बन जाए.

पिछले चार दिनों से नर्सिंग छात्रावास के प्रथम तल पर लगातार अलग-अलग कमरों में मलबा गिर रहा है और छात्राएं दहशत में सांस ले रही हैं. बुधवार को छात्राओं का गुस्सा फूटा तो वे सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादयान के पास फरियाद लेकर पहुंची. सिविल सर्जन ने दो टूक कह दिया कि उनके पास छात्राओं की समस्या का कोई समाधान नहीं है. नर्सिंग छात्रावास का भवन उनके आधीन नहीं आता. जब किसी ने फरियाद नहीं सुनी तो छात्राएं नर्सिंग छात्रावास के बाहर धरने पर बैठ गई.

खस्ता हाल हो चुका है 47 साल पुराना भवन

नर्सिंग छात्रावास की हालत बाहर से देख ले या फिर अंदर से, खस्ता ही है. लैंटर के सरिये नजर आने लगे है, क्योंकि मसाला झड़ चुका है. इसके बावजूद रख-रखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर राग अलापते नहीं थकते, यहां हालत यह है कि न बेटी चैन से पढ़ सकती है और बचाने का जिम्मा तो ऊपरवाले पर है. जिस जर्जर भवन में वे रह रही है, वहां एक पल का भरोसा नहीं कि किस समय क्या हो जाए.

पहले तल के कमरे का गिरा मलबा

बुधवार सुबह नर्सिंग छात्रावास के प्रथम तल पर एक कमरे से मलबा गिरा तो नर्सिंग छात्रा कविता व मंजू घायल हो गई. भले ही उन्हे गुम चोट आई. साथी छात्राएं उन्हे उठाकर सुरक्षित स्थान तक लेकर आई. नर्सिंग प्रशिक्षण छात्रावास की प्राचार्या से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि छात्रावास की खस्ताहालत को लेकर वे निरंतर अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से संज्ञान में लाती रही है. इतना ही नहीं, चंडीगढ़ मुख्यालय को भी अनेक बार अवगत कराया है. उनके अधिकार क्षेत्र में तो पत्राचार व शीर्ष अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवाना ही है, वह काम उन्होंने बाखूबी किया है. जब उनसे सवाल किया गया कि यदि किसी छात्रा को चोट लगी तो जिम्मेवार कौन होगा तो वे बोली निश्चित रूप से प्रशासन ही जिम्मेवार होगा.

भिवानी में नर्सिंग छात्रावास की छत का मलबा गिरने से हुआ हादसा, दो घायल

47 साल पुराना है भवन

नर्सिंग प्रशिक्षण छात्रावास में कि कुल 120 छात्राएं है, इनमें 60 एएनएम की है. यह प्रशिक्षण सिविल सर्जन के आधीन आता है. जबकि 60 जीएनएम की छात्राओं का प्रशिक्षण प्रधान चिकित्सा अधिकारी के आधीन आता है. भवन के रख-रखाव का जिम्मा प्रधान चिकित्सा अधिकारी का है. करीब 47 साल पुराने भवन के रख-रखाव को लेकर शायद कभी भी गंभीर प्रयास नहीं हुए.

इसीलिए नर्सिंग छात्रावास की हालत दिन-प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है और छात्राओं की जान जोखिम में रहती है. इस बारे में चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल की प्रधान चिकित्सा अधिकारी मंजू कादयान से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि नर्सिंग प्रशिक्षण छात्रावास की प्राचार्य उनके पास छात्रावास की स्थिति को लेकर अवगत करवाने आई थी. उन्होंने नर्सिंग छात्रावास का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था.

चंडीगढ़ भी पहुंच चुकी है बात

इसके बाद चंडीगढ़ बैठे शीर्ष अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया गया था. उन्होंने कहा कि छात्रावास के रख-रखाव को लेकर राशि तो स्वीकृत है, लेकिन देखना यह है कि भवन मुरम्मत के लायक है या फिर इसे कंडम घोषित किया जाएगा. इस बात का अवलोकन लोक निर्माण विभाग द्वारा करके अपनी रिपोर्ट दी जाएगी. इसके बाद ही आगामी कार्रवाई होगी.

प्रधान चिकित्सक मंजू कादयान ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उचित स्थान देखकर वैकल्पिक तौर पर नर्सिंग छात्रावास को वहां स्थानांतरित करवा दिया जाए, ताकि छात्राएं अपनी पढ़ाई ढ़ंग से कर सकें और उन्हे किसी प्रकार की परेशानी न हो.

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