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ताऊ देवीलाल की जयंती के बहाने इनेलो की विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश, क्या बन पाएगा तीसरा मोर्चा?

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Published : Sep 13, 2022, 2:55 PM IST

Tau Devi Lal birth anniversary
ताऊ देवीलाल की जयंती के बहाने इनेलो की विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय देवीलाल की जयंती (Devi Lal birth anniversary) के मौके पर उनके बेटे और इंडियन लोकदल प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला फतेहाबाद में सम्मान दिवस रैली (Samman Diwas Rally In Fatehabad) का आयोजन करने जा रहे हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का दावा है कि वह इस आयोजन के जरिए विपक्ष को नई ताकत देने की कोशिश करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष इस आयोजन के जरिए केंद्र को नए सिरे से चुनौती देने की योजना बना रहा है.

चंडीगढ़: 25 सितंबर को ताऊ देवीलाल की 109वीं जयंती है. इस मौके पर इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lok Dal) की ओर से हरियाणा के फतेहाबाद में विशाल जनसभा करने का कार्यक्रम रखा गया है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Former Haryana Chief Minister Om Prakash Chautala) विपक्ष के नेताओं (नॉन कांग्रेस ) को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्योता भी दे रहे हैं. उनकी कोशिश है कि तमाम विपक्ष को एकजुट करके ना सिर्फ हरियाणा में वे अपनी को खत्म होती राजनीतिक जमीन को बचाने की है, बल्कि देश की जनता के सामने बीजेपी का एक विकल्प के देने का भी प्रयास है.

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश- आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देश में तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो गई है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Former Punjab Chief Minister Parkash Singh Badal), महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत तमाम नॉन कांग्रेस नॉन बीजेपी बड़े सियासी दिग्गजों को हरियाणा में 25 सितंबर को होने जा रही रैली में बुलाया गया (Samman Diwas Rally in Haryana) है. मौका ताऊ देवीलाल की जयंती (Tau Devi Lal birth anniversary) का है, लेकिन इस बहाने यहां सभी दल एक साथ तीसरे मोर्चे का ऐलान कर सकते हैं.

शरद पवार के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला.
एक मंच पर आयेंगे सभी नेता तब बनेगी तीसरे मोर्चे की बात- अभय ताऊ देवीलाल की जयंती पर तमाम विपक्ष के नेताओं का एक मंच पर होना निश्चित तौर पर ही कहीं न कहीं तीसरे मोर्चे के तौर पर देखा जा सकता है. खुद अभय चौटाला कह चुके हैं कि जब एक मंच पर सभी नेता आएंगे तब तीसरे मोर्चे की बात बनेगी. वे यह भी कहते हैं कि कांग्रेस को इससे अलग नहीं रखा जा सकता है. इसके लिए भी उदाहरण देते हुए कहते हैं कि क्योंकि जब चौधरी देवीलाल ने तीसरा मोर्चा बनाया था तब बीजेपी को भी साथ लिया था. वे कहते हैं कि थर्ड फ्रंट बनने की चर्चा पूरे देश में है और उनका भी प्रयास है कि हरियाणा की धरती से सभी नेता चर्चा करके बदलाव की शुरुआत करें.बेमानी है थर्ड फ्रंट बनाने की बातें - प्रवीन अत्रे एक तरफ जहां ताऊ देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर को इनेलो की रैली में तमाम विपक्षी दलों के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे, और ऐसे में थर्ड फ्रंट की चर्चा भी जरूर होगी. इसको लेकर बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे कहते हैं कि थर्ड फ्रंट की बातें पहले भी होती रही थी और अब भी हो रही हैं. वे कहते हैं कि थर्ड फ्रंट ना पहले सिरे चढ़ा था ना अब सिरे चढ़ेगा. वे कहते हैं कि अभी थर्ड फ्रंट को लेकर कोई बात करना जल्दबाजी होगी. वे यह भी कहते हैं कि जिस तरह आज के दौर में विपक्ष के हालात हैं उसे देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही की जानी चाहिए कि वे एक झंडे के नीचे एक साथ खड़े हो.
सीताराम येचुरी के साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला.
थर्ड फ्रंट नहीं, यूपीए के झंडे तले खड़े हों सभी - केवल ढींगरा-ताऊ देवीलाल की जयंती पर भले ही थर्ड फ्रंट की चर्चा होने लगी हो लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि यह लोग कभी भी यूपीए के साथ खड़े नहीं रहे हैं. इन लोगों ने हमेशा एनडीए का ही साथ दिया है. उनका कहना है कि अगर ऐसे में यह लोग थर्ड फ्रंट की बात करेंगे तो उसका बीजेपी को ही फायदा होगा. उनका कहना है सभी नेताओं को थर्ड फ्रंट नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए के झंडे तले खड़ा होना चाहिए. इसके साथ ही उनका कहना है कि लेकिन इन नेताओं से ऐसी उम्मीद करना बेमानी होगी. उनका साफ कहना है कि देश में पहले ही एनडीए और यूपीए दो बड़े गठबंधन है. ऐसे में थर्ड फ्रंट की बात करना ही बीजेपी को फायदा पहुंचाने जैसा है. इसलिए अगर किसी को बात करनी है तो फिर यूपीए को मजबूत करने की ही करनी चाहिए.क्या कहते हैं तीसरे मोर्चे को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार? ताऊ देवीलाल की जयंती के बहाने इंडियन नेशनल लोकदल की थर्ड फ्रंट (Indian National Lok Dal Third Front) बनाने की कोशिशों पर राजनीतिक मामलों के जानकार गुरमीत सिंह इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए विपक्ष की तैयारी के तौर पर देखते हैं. प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि भले ही इनेलो तमाम विपक्षी नेताओं को बुलाकर एक सांझा मंच पर इकट्ठा करने की कोशिश कर रही हो, लेकिन उनका यह प्रयास कितना सफल हो पाता है जो भविष्य में देखना होगा.

हालांकि वे यह भी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी का यूपीए पहले से ही है, ऐसे में इनेलो का थर्ड फ्रंट बनाने का प्रयास सफल हो पाता है या नहीं जो कहना अभी मुश्किल होगा. हालांकि उनका यह भी मानना है कि विपक्ष का इकट्ठा हो पाना मुश्किल ही दिखाई देता है. क्योंकि पीएम पद के कई दावेदार हैं जिसकी वजह से इनका एक साथ खड़ा होना संभव दिखाई नहीं देता है.

2024 के चुनाव को देखते हुए एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी अपना पीएम पद का चेहरा उतारेगी तो वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शरद पवार जैसे दिग्गज नेता भी 2024 में खुद को बड़ा साबित करना चाहेंगे. ऐसे में थर्ड फ्रंट बनाने का इंडियन नेशनल लोकदल का यह प्रयास कहां तक सफल हो पाता है, यह देखना दिलचस्प ही नहीं होगा.

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