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सावधानी से ही नेत्र विकारों से बचाव संभव : विश्व दृष्टि दिवस

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Published : Oct 8, 2020, 7:31 AM IST

अंधेपन को आमजन अभिशाप की दृष्टि से देखते है. कुछ आनुवांशिक या जन्मजात कारणों को छोड़ दिया जाए, तो कई बार जरा सी सावधानी रखते हुए आंखों को खराब होने से बचाया जा सकता है. लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग समय से नेत्र में उत्पन्न हो रहे विकारों को पकड़ नहीं पाते हैं और दृष्टिदोष का शिकार बन जाते हैं. दुनिया भर में लोगों को नेत्र विकारों तथा अंधेपान का शिकार लोगों की बेहतरी के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को 'विश्व दृष्टि दिवस' मनाया जाता है.

World Sight Day
विश्व दृष्टि दिवस

आंखें हमारे शरीर की सबसे महत्वपूर्ण इंद्रियों में से एक हैं. आंखों के कारण ही हम इस रंगबिरंगी दुनिया तथा अपने करीबियों को देख पाते हैं. जरा कल्पना कीजिए कि जो लोग अंधकार के सिवाय कुछ भी ना देख पाते हो या फिर नेत्र रोग के चलते धुंधले दृश्यों या सिर्फ बेरंग दुनिया को देखने के लिए मजबूर हो उनका जीवन कैसा होता होगा. दृष्टि दोष, कम या धुंधली दृष्टि तथा अंधापन सहित विभिन्न दृष्टि संबंधी रोगों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को 'विश्व दृष्टि दिवस' मनाया जाता है. इस वर्ष यह विशेष दिवस 8 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.

उद्देश्य और इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस को सबसे पहली बार लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा वर्ष 1990 में दृष्टि दोष तथा नेत्र रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित अभियान के तहत शुरू किया गया था. जिसके उपरांत 18 फरवरी, 1999 को अंधेपन के उपचार और उसकी रोकथाम से जुड़े अभियानों को बेहतर स्तर प्रदान करने के उद्देश्य से विजन 2020- ' दृष्टि का अधिकार' कार्यक्रम की शुरुआत की गई. तब से अब तक लगातार लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन के वैश्विक नेतृत्व में विभिन्न सहयोगी संस्थाओं की मदद से अंधेपन से पीड़ित लोगों की मदद, उनके उपचार, उनके विकास तथा उन्नति के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन, उनके नेत्रों की जांच तथा जरूरतमंदों की आंखों की सर्जरी कराने जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस पर इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आईएपीबी) तथा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) सहित विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों की ओर से भी अंधेपन का शिकार लोगों की मदद करने तथा ट्रेकोमा, कम दृष्टि, मोतियाबिंद, अपवर्तक त्रुटि तथा मधुमेह रेटिनोपैथी जैसे नेत्र विकारों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. आंकड़ों की माने तो पूरी दुनिया की कुल आबादी के लगभग 39 मिलियन लोग दृष्टिहीनता के शिकार हैं. अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस की इस वर्ष की थीम है 'अंधेरे में आशा'.

विजन 2020 'दृष्टि का अधिकार'

विजन 2020 'दृष्टि का अधिकार' कार्यक्रम की स्थापना वर्ष 1999 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने संयुक्त रूप से मिलकर की थी. जिसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2020 तक दृष्टि बाधित करने वाले सभी रोगों तथा उनके उपचार को लेकर पूरी दुनिया को जागरूक करना था. साथ ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अंधेपन के उपचार और उसकी रोकथाम को लेकर चलाई जा रहे कार्यक्रमों तथा जागरूकता अभियानों को एक बेहतर स्वरूप प्रदान करना था.

इसके अतिरिक्त सरकार विजन 2020 के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की रणनीतियों का विकास, नई योजनाओं का निर्माण तथा उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना भी इस महत्वपूर्ण योजना का विशेष कार्य है. इसी विचारधारा को लेकर भारतीय सरकार द्वारा भी सन् 1976 से लगातार अंधेपन के कारणों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. जिसके चलते स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सौ फीसदी अनुदान के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दृष्टिहीनता तथा दृष्टिक्षीणता पर नियंत्रण को लेकर कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं.

नेत्र संबंधी बीमारी के लक्षण

दृष्टिहीनता या नेत्र रोगों से सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है की सही समय पर लक्षणों को पहचान कर चिकित्सक की सलाह ली जाए. नेत्र रोग के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं.

  1. धुंधला या कम दिखना.
  2. आंखों में या उसके आसपास दर्द, सूजन या खुजली.
  3. आंखों में लालिमा या जलन होना.
  4. आंखों में छोटे-छोटे धब्बे या खून के थक्के दिखना.

नेत्ररोग से बचाव तथा आंखों को रोग मुक्त रखने के कुछ उपाय

  • स्वस्थ तथा पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करें.
  • नशे तथा धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें.
  • कंप्यूटर तथा मोबाइल के सामने बैठकर काम करते समय स्क्रीन को अपनी आंखों से पर्याप्त दूरी पर रखें.
  • आंखों की स्वच्छता बनाए रखें.
  • नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं.
  • आंखों में संक्रमण या कोई भी बीमारी होने पर बगैर चिकित्सक की सलाह के कोई दवाई ना लें.
  • शरीर के साथ-साथ आंखों के लिए भी नियमित व्यायाम करें.
  • दृष्टि में आने वाली किसी भी बाधा को लेकर सचेत रहें.
  • धूप में निकलने पर आंखों को हानिकारक यूवी रेज से बचा कर रखें.

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