आजकल जीवनशैली, आहार शैली, और यहाँ तक की सौन्दर्य की देखभाल में भी वीगनिज्म कल्चर का काफी चलन है . वीगन यानी ऐसी शैली जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जानवरों से मिलने वाले आहार या उत्पादों का इस्तेमाल नही किया जाता है, यानी ऐसे किसी भी प्रकार के आहार, कपड़े या वस्तु का इस्तेमाल नही किया जाता है जो जानवरों से बनी या उनसे किसी भी माध्यम में प्राप्त हुई हो. यह एक प्रयास है जिससे जानवरों के प्रति होने वाली क्रूरता को कम किया जा सके.
वीगन जीवन शैली का पालन करने वाले लोग स्किन केयर रुटीन में भी इन नियमों का पालन करते हैं. यही कारण है कि आजकल बाजार में वीगन स्किन केयर उत्पाद भी काफी मांग में हैं. वीगन उत्पादों की एक खास बात यह भी होती हैं कि इनके पार्श्व प्रभाव अपेक्षाकृत काफी कम होते हैं. क्योंकि इस तरह के उत्पादों में प्राकृतिक तत्वों, विशेषकर पौधों , फलों तथा अन्य प्रकार के आहार से प्राप्त तत्वों का ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसके अतिरिक्त वीगन स्किन केयर रुटीन में कुछ उत्पादों का उपयोग वर्जित माना जाता है क्योंकि वह किसी ना किसी मद् में जानवरों से प्राप्त होते हैं.
आइए जानते हैं किन-किन चीजों का इस्तेमाल वीगन स्किन केयर रुटीन में वर्जित माना जाता है और क्यों?
जिलेटिन
जिलेटिन का इस्तेमाल कई क्रीम और लोशन में किया जाता है. यह एक पारदर्शी, रंगहीन, स्वाद रहित घटक होता है जो मुख्य रूप से ग्लाइसिन और प्रोलिन नामक एमिनो एसिड से बना होता है. यह सामान्यतः हड्डियों, रेशेदार ऊतकों और जानवरों के अंगों से प्राप्त जाता है. इसलिए इसका इस्तेमाल वीगन स्किन केयर रुटीन में पूरी तरह से वर्जित है.
ग्लिसरीन
त्वचा की देखभाल के लिए विशेषकर सर्दियों में ग्लिसरीन का इस्तेमाल, देश तथा दुनिया में सभी जगह किया जाता है. यह एक बेहतरीन मॉइश्चराइजर होता है. लेकिन वीगन स्किन केयर रुटीन में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं. दरअसल इसके निर्माण में कभी-कभी पशुओं से प्राप्त वसा तथा इसे शुद्ध करने में हड्डियों के कोयले का इस्तेमाल होता है. इसलिए इसे पूरी तरह से पशु हिंसा मुक्त उत्पाद की श्रेणी में नही रखा जाता है.
शहद
हम सभी जानते हैं की शहद मधुमक्खियों के छत्तों से प्राप्त होता है. हालांकि यह त्वचा के लिए वरदान सरीखा माना जाता है लेकिन इसका उपयोग वीगन स्किन केयर रुटीन में बिल्कुल भी नही किया जाता है.