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Food Combination: स्वास्थ्य को नुकसान कर सकता हैं असंगत आहार, एक्सपर्ट से जानें रोज की डाइट में क्या चीजें हैं जरूरी

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Published : Apr 30, 2023, 10:11 PM IST

भारतीय आहार में खाद्य पदार्थों का सही संयोजन में सेवन आवश्यक माना गया है. आयुर्वेद भी भोजन के सही संयोजन को खाने की सलाह देता है, क्योंकि असंगत खाद्य पदार्थों का सेवन, या ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें एक साथ नहीं खाना चाहिए, कई समस्याओं और बीमारियों का कारण बन सकते हैं.

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स्वास्थ्य को नुकसान कर सकता हैं असंगत आहार, एक्सपर्ट से जानें रोज की डाइट में क्या चीजें हैं जरूरी

हैदराबाद: हम बचपन से बड़ों से सुनते आ रहे हैं कि कुछ खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए, या कुछ सब्जियां सिर्फ दही से बनाई जाती हैं, कुछ सामग्री दही या दूध से नहीं पकानी चाहिए, या कुछ खास तरह के सब्जियों और खाद्य पदार्थों का एक साथ सेवन नहीं करना चाहिए, नहीं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता (Incompatible Diet can cause harm to health) है.

आयुर्वेद के अनुसार, एक निश्चित आहार आपके स्वास्थ्य को तभी लाभ पहुंचाता है, जब उसका सेवन उसके नियमों के अनुसार और सही संयोजन में किया जाता है. आयुर्वेद का मानना है कि असंगत खाद्य पदार्थों का सेवन, या ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें प्रतिकूल प्रभाव, उनकी प्रकृति और गुणवत्ता, मौसम या अन्य कारकों के कारण एक साथ नहीं खाना चाहिए, कई बीमारियों और समस्याओं का कारण बन सकते हैं.

हरिद्वार के प्राकृतिक चिकित्सक सुरेंद्र वैद्य ने मौसम और वातावरण, शरीर की प्रकृति, भोजन के प्रभाव और व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार खाने के कई नियम बताए हैं. इन नियमों को इस उद्देश्य से बनाया गया था कि व्यक्ति को उचित पोषण मिले और आहार से लाभ मिले, उसका शरीर स्वस्थ और रोगमुक्त रहे और आहार के दुष्प्रभावों से बचा जा सके. आयुर्वेद के अनुसार असंगत खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर को अधिक नुकसान हो सकता है.

सुरेंद्र बताते हैं कि आयुर्वेद में हर आहार के स्वरूप, गुण, दोष और प्रभाव को अलग-अलग माना गया है. क्षेत्र, मौसम और शरीर की प्रकृति जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर आहार के पालन के लिए आयुर्वेद में ये नियम दिए गए हैं. ऐसे खाद्य पदार्थ एक दूसरे के पोषण मूल्य को बढ़ाते हैं, पोषण के अवशोषण को आसान बनाते हैं और कभी-कभी शरीर पर औषधीय प्रभाव भी डालते हैं, जिससे हम स्वस्थ रहते हैं.

दूसरी ओर विपरीत प्रकृति के खाद्य पदार्थों का यदि एक साथ सेवन किया जाए तो वे एक दूसरे के पोषण मूल्य को कम कर देते हैं और हमारे शरीर पर प्रतिकूल या जहरीले प्रभाव डालते हैं. ऐसे आहार इन खाद्य पदार्थों से पोषण के अवशोषण के बाद शरीर के चयापचय में बाधा भी डाल सकते हैं और इन खाद्य पदार्थों से प्राप्त ऊर्जा असंतुलित हो सकती है. वह बताते हैं कि लोग नियमित रूप से अनुचित भोजन का सेवन करते आ रहे हैं, जिससे शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जिसमें शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव भी शामिल है. असंगत खाद्य पदार्थों के सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं, मल त्याग करने में कठिनाई, फूड पॉइजनिंग, मधुमेह, बवासीर, नपुंसकता, पेट में पानी का जमाव, फिस्टुला, कुष्ठ, सफेद धब्बे और तपेदिक जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं.

सुरेंद्र बताते हैं कि हमारे पारंपरिक भारतीय व्यंजनों में आम तौर पर, अधिकांश खाद्य पदार्थों को सही मिलान के आधार पर पकाया और परोसा जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में दूसरे देशों के व्यंजनों के साथ भारतीय जायके को मिलाने और प्रायोगिक तौर पर खाना बनाने की कोशिश में लोगों ने स्वास्थ्य की बजाय स्वाद पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है. आजकल फ्यूजन डाइट के नाम से परोसे जाने वाले आहार में कई बार विपरीत प्रकृति के खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जाता है. ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन भी लोगों में पाचन संबंधी समस्याओं और अन्य मुद्दों के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारकों में से एक माना जा सकता है. इसलिए, उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी जुटाना आवश्यक है, जिनका एक साथ सेवन करने से बचना चाहिए. उनका कहना है कि हालांकि असंगत खाद्य पदार्थों की सूची बहुत लंबी है,

उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • रायता और खीर एक साथ खाना
  • दूध के साथ दही, मछली, मूली/मूली के पत्ते, नींबू, कच्चा सलाद, इमली, खरबूजा, बेल का फल, जामुन, अनार या उड़द आदि खाना
  • दही के साथ संतरा, अनानास आदि खाना
  • खीर के साथ कटहल, दही, नींबू, खट्टे फल, सत्तू और शराब खाना
  • शहद, अंगूर, मूली और गर्म पानी के साथ तेल का सेवन
  • खरबूजे के साथ लहसुन, दही, दूध, मूली के पत्ते, पानी आदि का सेवन
  • चावल के साथ सिरका
  • उड़द की दाल के साथ मूली
  • केले के साथ मट्ठा आदि

सुरेंद्र बताते हैं कि आहार देशी हो या विदेशी, जहां तक संभव हो उसकी पूरी समझ होने के बाद ही सेवन करना चाहिए. खासकर जिन लोगों का पाचन तंत्र पहले से ही कमजोर है, या जिन्हें वात या पित्त की समस्या है, उन्हें ऐसे आहारों के सेवन से बचना चाहिए.

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