सामान्य तौर पर हर्पीज़ को फैलने वाला संक्रमण माना जाता है, जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. लेकिन जब हर्पीज़ महिला या पुरुष के जनन अंगों पर उभरने लगे तो यह एक यौन संचारित रोग माना जाने लगता है. जेनिटल हर्पीज़ एक लाइलाज बीमारी है जिस पर आप दवाइयों की मदद से नियंत्रण तो कर सकते हैं लेकिन आप उसे स्थाई तौर पर समाप्त नहीं कर सकते हैं. जेनिटल हर्पीज़ के बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभवा ने अपने विशेषज्ञ तथा काया क्लिनिक इंडिया के मेडिकल हेड डॉ. सुशांत शेट्टी से बात की.
क्या है जेनिटल हर्पीज़
दरअसल हर्पीज़ दाद का एक स्वरूप होता है जो कि त्वचा पर दानों, फफोलों या छालों के रूप में नजर आता है. सामान्य तौर पर इसे बैक्टीरिया जनित त्वचा संक्रमण माना जाता है, क्योंकि हर्पीज़ सिंपलेक्स वायरस के कारण होता है. लेकिन कई बार लोगों में यह संक्रमण अनुवांशिक तौर पर भी स्थानांतरित हो सकता है.
डॉ. शेट्टी बताते हैं कि यह संक्रमण वायरल प्रकृति वाला होता है तथा इसमें महिलाओं और पुरुषों के जननांग पर इस त्वचा संक्रमण का प्रभाव नजर आने लगता है. वैसे तो सामान्य तौर पर भी हर्पीज़ को एक फैलने वाला संक्रमण माना जाता है, जिसमें संक्रमित व्यक्ति के शरीर के प्रभावित हिस्से को छूने या उसके स्पर्श किए हुए कपड़े या किसी अन्य वस्तु के छूने से यह संक्रमण फैलने का खतरा होता है, वही जब हर्पीज़ जननांगों पर हो जाए तो यह यौन संचारित रोगों की श्रेणी में आ जाता है. यानी किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से जिसे जेनिटलहर्पीज़ की समस्या हो दूसरे व्यक्ति में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
डॉ. शेट्टी बताते हैं वैसे तो यह संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन एक बार यह संक्रमण हो जाने पर आमतौर पर यह शरीर में स्थाई रूप से प्रवेश कर जाता हैं .आमतौर पर यदि किसी व्यक्ति को यदि चिकन पोकस की समस्या हुई हो तो उन्हे यह संक्रमण होने का खतरा अपेक्षाकृत ज्यादा होता है.