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गांवों में लगेंगे मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर, भारतीय मूल की अमेरिकी कंपनी ने की मदद

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Published : May 27, 2021, 3:13 PM IST

दिल्ली में एक एनजीओ "हेल्पिंग केयर वेलफेयर फाउंडेशन" ने अमेरिका की भारतीय बेस कंपनी की मदद से एक बड़ी पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर को दिल्ली और दूसरे राज्यों के इमरजेंसी कोविड केयर सेंटर में लगाया जाने वाला है. यह सुविधा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी.

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गांवो में लगेंगे मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के समय सरकार के साथ साथ गैर सरकारी संगठन भी खूब आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं. ऐसी ही एक एनजीओ "हेल्पिंग केयर वेलफेयर फाउंडेशन" ने अमेरिका की भारतीय बेस कंपनी की मदद से एक बड़ी पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर को अब दिल्ली और दूसरे राज्यों के इमरजेंसी कोविड केयर सेंटर में लगाया जाने वाला है. सीएसआर फंड से नि:शुल्क प्रदान किये गए एयर प्यूरीफायर को देश के कई राज्यों के गांव में कोविड केयर सेंटरों में लगाया जायेगा. पहली खेप में 40 मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर हेल्पिंग केयर फाउंडेशन को पहुंच गये हैं.

गांवो में लगेंगे मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर

कोविड केयर सेंटरों में फ्री में होंगे उपलब्ध
इसकी जानकारी देते हुए हेल्पिंग केयर वेलफेयर फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष लोकेश मुंजाल ने बताया कि हमको यह सभी मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर को पेन इंडिया प्रोगाम के तहत विभिन्न राज्यों से आये कोविड केयर सेंटरों के प्रतिनिधियों को नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है.

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टेक्टिनकल सपोर्ट भी फ्री

इसके बाद यह सभी मॉलिक्यूल एयर प्यूरीफायर राज्यों के गांवों और शहरों में बने कोविड केयर सेंटरों में स्थापित किये जायेंगे. इसके लिए कंपनी द्वारा नि:शुल्क सभी टेक्निकल सपोर्ट भी दी जाएगी. उन्होंने बताया की अभी 100 से अधिक और आने हैं, जिनकी मांग के अनुसार सूची भी बना दी गयी है.

भारतीय हैं कंपनी के संस्थापक

इन मॉलिक्यूल प्यूरीफायर को भारत के कंट्री मैनेजर करण खेमका ने नि:शुल्क उपलब्ध कराने में मदद की है. उन्होंने संदेश दिया कि कंपनी के संस्थापक भी भारतीय हैं और इस मौके पर कोविड-19 से लड़ने के लिए वह भारत के साथ खड़े हैं.

कोरोनावायरस स्ट्रेन को 99.99 % तक कर सकता है खत्म

गौरतलब है कि मॉलिक्यूल को टेक्नोलॉजी का पेको एयरबोर्न पोल्यूटेंट्स के लिए बनाया गया है. जिसमें वायरस, बैक्टीरिया, मोल्ड या एयरबोर्न केमिकल खत्म हो जाते हैं. यूएसए में यूनिवर्सिटी आफ मिनेसोटा में 2020 में हुई स्टडी के दौरान यह साबित हो गया है कि इसके जरिए 99.99 फीसदी तक कोरोना केस स्ट्रेन (प्रोसीन व बोवीन) को खत्म करने की क्षमता है.

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