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बयान के बहाने पुलिस ने थाने ले जाकर युवक को पीटा, रीड की हड्डी में हुआ फ्रैक्चर

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Published : May 30, 2021, 2:25 PM IST

एक युवक का आरोप है कि उसने मोहल्ले में हो रहे झगड़ी की सूचना देने के लिए पुलिस को कॉल की थी. पहले तो पुलिस समय से नहीं पहुंची और जब पहुंची तो बयान लेने के बहाने उसी को थाने ले गई. इसके बाद थाने में उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी.

Police beat up young man in police station in the name of statement
बयान के बहाने पुलिस ने थाने ले जाकर युवक को पीटा

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में अगर आपके आस-पास कोई झगड़ा हो रहा हो तो पुलिस को कॉल करने से पहले दस बार सोच लें, कहीं ऐसा न हो पुलिस आपको ही थाने ले जाकर तबियत से कूट दे. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि हाल ही में साउथ डिस्ट्रिक्ट के फतेहपुर बेरी थाने में कुछ ऐसा ही हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट

पूरा मामला

पीड़ित के वकील ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ PHQ समेत इस मामले से जुड़े सभी अधिकारी को शिकायत की कॉपी भेज दी है और जल्द ही कारवाई की उम्मीद है. दरअसल एक युवक का आरोप है कि उसने मोहल्ले में हो रहे झगड़ी की सूचना देने के लिए पुलिस को कॉल की थी.

पहले तो पुलिस समय से नहीं पहुंची और जब पहुंची तो बयान लेने के बहाने उसी को थाने ले गई. इसके बाद थाने में उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी. जिससे पीड़ित युवक वसीम खान (29) की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया.

इस संबंध में पीड़ित ने एसआई सतेंद्र गुलिया, हेड कांस्टेबल प्रवीण और जितेंद्र के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करवाई है. मामले में की गई शिकायत के मुताबिक, वसीम परिवार सहित छतरपुर इलाके में रहता है. बीती 17 मई को इलाके में उसके रिश्तेदार के घर के बाहर झगड़ा हो रहा था. इस पर वसीम ने पुलिस को फोन किया.

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काफी देर तक पुलिस ने नहीं आई तो वसीम ने कई बार पुलिस को काल की. रात करीब 10 बजे पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद वसीम अपने घर चला गया. देर रात साढ़े 11 बजे कुछ पुलिस वाले वसीम के घर पहुंचे. वहां वसीम से कहा गया कि आपका बयान लेना है, थाने चलना होगा. वसीम को फतेहपुर बेरी थाने ले जाया गया. युवक का बयान लिया गया.

युवक का आरोप है कि बयान लेने के बाद भी उसे घर नहीं जाने दिया, बल्कि उसे कमरे में ले जाकर उसकी पिटाई शुरू कर दी गई.

वसीम का आरोप है कि एसआई सतेंद्र गुलिया, हेड कांस्टेबल प्रवीण और जितेंद्र ने उसे कमरे एक कमरे में ले गए. वहां लात-घूंसों और लाठी से उसे बेरहमी से उसे पीटना शुरू कर दिया. करीब ढाई घंटे तक तीनों दरिंदों की तरह उसे पीटते रहे. इसके बाद उसे घर भेज दिया गया. घर जाने के बाद युवक ने दर्द की दवा खाई.

आराम न मिलने पर डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है. इसके बाद अस्पताल से एमएलसी लेने के बाद युवक ने वसंत कुंज थाने में शिकायत दर्ज कराई.

लाचारों की तरह बेड रेस्ट पर युवक पुलिस के इस रवैये से काफी हताश है. उसका कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत देने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. सादे कपड़ों में पुलिस वाले घर आकर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं.

उसका कहना है कि पुलिस वालों ने उसकी जिंदगी खराब कर दी है. डॉक्टरों ने उससे कहा कि गंभीर चोट है, सूजन खत्म होने के बाद ही तय किया जाएगा कि फ्रैक्चर के लिए सर्जरी होगी या कुछ और उपचार. हालांकि तब तक उसे बेड रेस्ट पर रहने और सावधानी बरतने के लिए कहा है.

डॉक्टरों का कहना है कि जरा सी चूक उसे जिंदगी भर बेड रेस्ट ले जा सकती है. ऐसे में बेड रेस्ट पर लाचारों की तरह लेटे वसीम के पास पुलिस कोसने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. साउथ दिल्ली DCP अतुल कुमार ठाकुर ने सिर्फ इतना बताया कि इस मामले में विजिलेंस की जांच चल रही है। जाँच पूरी होने के बाद जल्द ही आरोपियों के खिलाफ करवाई की जाएगी.

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