नई दिल्लीःविश्व दृष्टि दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसे मनाने के पीछे का उद्देश्य आंखों के मेडिकल केयर और स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (IAPB) द्वारा इस दिवस का आयोजन हर साल किया जाता है. यह संस्था आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अलग-अलग तरीके निकालती रहती है.
देश के सबसे प्रतिष्ठित और बड़े अस्पतालों में शुमार नई दिल्ली स्थित एम्स में विश्व दृष्टि दिवस को लेकर मरीजों को उनकी आंख और उनमें होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया गया. इस मौके पर एम्स के डायरेक्टर एम श्रीनिवास और आरपी सेंटर के प्रमुख जीवन सिंह तित्याल समेत कई डॉक्टर मौजूद थे. एम्स हर साल आंखों की बीमारियों और उनसे बचने के उपाय को लेकर जागरूकता अभियान चलाते हैं. आंखों की बीमारियों के चलते हर साल लाखों मरीज एम्स का रुख करते हैं. कई बार तो देश के अलग-अलग राज्यों से मरीजों की हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स में रेफर किया जाता है. डॉक्टरों ने कहा कि यदि हम लोगों में जागरूकता पैदा करेंगे तो इन बीमारियों पर अंकुश जरूर लगा सकते हैं.
एम्स आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जीवन सिंह तित्याल ने बताया कि एम्स आरपी सेंटर में आए मरीज और उनके परिजनों के साथ जागरूकता कार्यक्रम किया, जिसमें हमने लोगों को जागरूक किया कि आंखों का हम कैसे बचाव कर सकते हैं और यदि अगर आपको कोई आंखों की समस्या है तो उसका निरंतर कैसे ख्याल रखा जाए? आंखों की कई ऐसी गंभीर बीमारियां हैं, जो हमें कई बार समय रहते हुए नहीं पता चल पाता, जिनमे काला मोतियाबिंद शामिल है. यह आंखों की एक बहुत गंभीर बीमारी है.