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IITF 2023: दिल्ली के ट्रेड फेयर में पहुंचे एक लाख 50 हजार लोग, टूटे सारे रेकॉर्ड

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 26, 2023, 9:05 PM IST

India International Trade Fair 2023: दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में आज भारी संख्या में भीड़ पहुंची.

ट्रेड फेयर में पहुंचे एक लाख 50 हजार लोग
ट्रेड फेयर में पहुंचे एक लाख 50 हजार लोग

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में आखिरी रविवार को रिकॉर्ड तोड़ भीड़ पहुंची. ITPO के आधिकारिक बयान के मुताबिक, 26 नवंबर को 1.50 लाख से अधिक विजिटर्स मेला देखने पहुंचे. दिल्ली मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार शाम 4 बजे तक स्टेशनों से 70 हजार से ज्यादा टिकटों की बिक्री हुई.

दरअसल, सोमवार को मेले का आखिरी दिन है. इस दिन गुरु नानक देव की जयंती और गंगा स्नान की छुट्टी है. अंतिम दिन होने के कारण मेले में स्टॉल लगाए विक्रेता भी भारी भरकम छूट देंगे. ऐसे में सोमवार को भी विजिटर्स की संख्या रिकॉर्ड तोड़ सकती है. हर साल 14 से 27 नवंबर तक आयोजित होने वाला ट्रेड फेयर इस बार खास है, क्योंकि मेले का क्षेत्र काफी बड़ा है. अधिक भीड़ होने के बावजूद प्रगति मैदान में विजिटर्स को खास परेशानी नहीं हुई. वहीं, हॉल नंबर 7 में लगे सरस आजीविका मेले में आखिरी तीन दिन प्रत्येक वस्तु पर 10 प्रतिशत छूट कर दी गई.

दिल्ली के ट्रेड फेयर में पहुंचे एक लाख 50 हजार लोग, टूटे सारे रेकॉर्ड

उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ बिहार पवेलियन पहुंचे: व्यापार मेला के अंतिम रविवार को बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ बिहार पवेलियन पहुंचे और पवेलियन में लगे प्रदर्शनी के स्टालों का भ्रमण किया. बिहार में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 'बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023' में आने का आह्वान किया.

ITPO के आधिकारिक बयान के मुताबिक, 26 नवंबर को 1.50 लाख से अधिक विजिटर्स मेला देखने पहुंचे.

समीर महासेठ ने बताया कि इस बार बिहार पवेलियन में MSME के तहत नए उद्यमियों को स्टॉल दिए गए. सीमित स्टॉल होने के नाते एक स्टॉल में दो उद्यमियों ने अपने सामान को डिसप्ले किया. अगली बार यह कोशिश रहेगी कि सभी को अलग-अलग स्टॉल मुहैया कराए जाएं. बिहार के 38 जिलों से उद्यमी आए हैं. कोशिश है कि सभी बिहार का नाम रौशन करें.

मखाना उद्यमियों को होगा फायदा:बिहार सरकार ने भारत सरकार को 2024 को मखाना वर्ष के रूप में मनाने का सुझाव दिया था. बिहार में अकेले भारत के कुल मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत उत्पादन होता है. मखाना वर्ष घोषित होने से बिहार के मखाना को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगा और इससे मखाना उद्यमियों को काफी फायदा होगा.

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