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दिल्ली के डिप्टी CM के रोक के बावजूद PWD ने फिर धौलाकुआं के झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस चिपकाया

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Published : Jan 29, 2023, 5:39 PM IST

कोर्ट के स्टे और डिप्टी सीएम के रोक के बाद भी धौलाकुआं कैंप को पीडब्ल्यूडी ने दोबारा डेमोलिशन का नोटिस भेजा है, जिससे झुग्गी में रहने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
धौलाकुआं के झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस चिपकाया
धौलाकुआं के झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस चिपकाया

धौलाकुआं के झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस चिपकाया

नई दिल्ली:एक तरफ तो आम आदमी पार्टी यह दावा करती है कि दिल्ली में वह एक भी झुग्गी को तोड़ने नहीं देगी. वहीं दूसरी तरफ खुद डिप्टी सीएम का महकमा डिप्टी सीएम के मनाही के बावजूद धौलाकुआं कैंप को तोड़ने के लिए दोबारा नोटिस जारी कर रहा है. इस नोटिस के बाद ही पूरे कैंप में मानो मातम फैल गया है. कैंप में रहने वाले सैकड़ों परिवार के किसी भी घर में चूल्हा तक नहीं जला. दिनभर मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले यह गरीब मजदूर दिल्ली सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके घर को नहीं तोड़ा जाए.

चलिए धौलाकुआं के इस समस्या को लेकर आपको इसकी थोड़ी कहानी बताते हैं. दरअसल यहां झुग्गी में रहने वाले लोग यहां बीते कई दशकों से रह रहे हैं. यह जमीन सरकारी है और यह लोग शुरू से ही अवैध तरीके से यहां पर रह रहे हैं. 26 दिसंबर को यहां पीडब्ल्यूडी एक नोटिस चिपका जाती है, जिसमें इस झुग्गी को खाली करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया गया था. हमारी टीम को जैसे ही इसकी जानकारी मिली हमने इस खबर को किया और 8 जनवरी को पुरजोर तरीके से इसको अपने वेबसाइट पर प्रकाशित किया, नतीजा 9 जनवरी को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तुरंत एक आदेश जारी किया, जिसमें साफ लिखा की मीडिया रिपोर्ट से उन्हें इस डेमोलेशन के बारे में पता लगा है, पीडब्ल्यूडी अविलंब डेमोलिशन की कार्रवाई पर फिलहाल के लिए रोक लगा दे.

धौलाकुआं के झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस चिपकाया

उस दिन इस कैंप में मानो होली और दिवाली एक साथ आ गई. कैंप में रहने वाले लोगों ने दिल्ली सरकार को जी भर के दुआएं दी, यहां के बड़े बुजुर्ग और बच्चे सभी की मानो जिंदगी लौट आई हो, लेकिन इनकी खुशी महज चंद दिनों के लिए ही थी. क्योंकि 28 जनवरी को पीडब्ल्यूडी ने एक बार फिर यहां डेमोलिशन करने का नोटिस लगा दिया, जिसमें 3 फरवरी तक इस जगह को खाली कर द्वारका के आश्रय घर में जाने की बात कही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि धौलाकुआं के इस कैंप में सैकड़ों परिवार बीते कई दशकों से रह रहे हैं. यहां से जाने के बाद ना उनके सर पर छत होगा और ना ही कोई रोजगार, परिवार का पेट पालना इन के लिए मुश्किल हो जाएगा. लगातार सरकारी नोटिस से परेशान इन झुग्गी वालों ने कहा है कि अब अगर बुलडोजर यहां चला तो वह परिवार के साथ बुलडोजर के नीचे अपनी जान दे देंगे लेकिन इस जगह को नहीं छोड़ेंगे.

वहीं, दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी से पूर्व विधायक रहे कमांडो सुरेन्द्र सिंह जो अब भारतीय जनता पार्टी में हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली कि केजरीवाल सरकार अगर इन गरीबों के झुग्गियों पर बुलडोजर चलवाती है तो सबसे पहले वो खुद बुलडोजर के आगे खड़े होंगे. बुलडोजर उनके ऊपर से होकर ही इन झुग्गियों को तोड़ पायेगी.

झुग्गियों के डेमोलेशन का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी न सिर्फ बीजेपी को घेर रही है बल्कि आए दिन एलजी निवास जाकर धरना प्रदर्शन कर रही है. अगर झुग्गियों से इतना ही प्यार है तो डिप्टी सीएम के मनाही के बाद भी पीडब्ल्यूडी धौलाकुआं कैंप में डेमोलेशन की धमकी क्यों दे रहा है. सरकार और उनके विभाग का दोहरा चरित्र के कारण इन बेचारे झुग्गी वालों को बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है. इस पूरे मामले में अब देखना यह है कि क्या दिल्ली सरकार एक बार फिर इस नोटिस पर रोक लगाती है या फिर यहां झुग्गी में रहने वाले मजदूर 3 फरवरी को बेघर होने वाले हैं, इसका पता भी चंद दिनों में लग जाएगा. हालांकि यहां के झुग्गी वाले इस पूरे विवाद को लेकर न्यायालय भी गए थे जहां पर उन्हें फिलहाल 3 महीने का नोटिस भी मिला हुआ है.

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