दिल्ली

delhi

Sawan Somwar 2023: सावन का पहला सोमवार कल, भूलकर भी ना करें ये 3 गलतियां

By

Published : Jul 9, 2023, 12:22 PM IST

Updated : Jul 9, 2023, 12:31 PM IST

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सारे ग्रह नक्षत्रों के दुष्प्रभाव नष्ट हो जाते हैं. आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व

Etv Bharat
Etv Bharat

ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु, शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली: श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व माना गया है. कहा गया है कि श्रावण का महीना हो और सोमवार का दिन हो तो सारे ग्रह नक्षत्रों के दुष्प्रभाव इस दिन की पूजा, भगवान शिव का अभिषेक, रुद्राभिषेक, व्रत, दान आदि करने से दूर जाते हैं. भारतीय काल गणना के अनुसार दिन का आरंभ सूर्य की पहली किरण से होता है. वैसे तो बहुत से भक्त लोग ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ही भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए निकटतम मंदिरों में जाकर गंगा जल अथवा दूध से उनका अभिषेक करते हैं. नियमानुसार सूर्य उदय के पश्चात भगवान का शिव का अभिषेक करने पर सोमवार व्रत का पूरा फल मिलता है.

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भावना प्रधान होनी चाहिए क्योंकि वह आशुतोष हैं. शीघ्र प्रसन्न होने वाले हैं. यदि आपका मन निर्मल है, भावनाएं पवित्र हैं तो भगवान शीघ्र प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. शिवलिंग पर जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक आदि के पश्चात भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र चढ़ाने से बहुत लाभ मिलता है. ऐसा कहा जाता है कि तीन पत्ते वाला बेलपत्र त्रिगुणात्मक शिव का प्रतीक है.

ये भी पढ़ें: सावन के मौके पर इन मंत्रों और पूजन विधि से मिलेगी भोलेनाथ की कृपा, जानिए अभिषेक के सही तरीके

इससे व्यक्ति को इहलौकिक व पारलौकिक शांति प्राप्त होती है और समस्त कामनाएं पूर्ण होती हैं. इसके अलावा शिवलिंग के जलाभिषेक के पश्चात भगवान को चंदन का लेप करके फल मिष्ठान आदि से भोग लगाएं, फिर भगवान शिव की आरती करें. यह भी ध्यान रखें कि यदि आप घर पर ही भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो पूरे परिवार के साथ उनका आह्वान करके पूजन करना चाहिए और प्रसाद का भोग लगाना चाहिए.

श्रावण मास को सर्वोत्तम मास कहा गया है. पौराणिक कथाओं में वर्णन आता है कि इसी मास में समुद्र मंथन किया गया था. समुद्र मथने के बाद जो हलाहल विष निकला, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया. इसी से उनका नाम 'नीलकंठ महादेव' पड़ा. विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने भगवान शिव पर जल अर्पित किया.

० भूलकर भी ना करें ये गलतियां

- सावन के पहले सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो फलाहार में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

- सावन के सोमवार व्रत में काम, क्रोध, लोभ आदि से दूर रहें. कोई भी व्रत मन, कर्म और वचन की पवित्रता के साथ करने से ही फलित होता है.

- शिव पूजा में तुलसी के पत्ते, सिंदूर, हल्दी, शंख, नारियल आदि का उपयोग वर्जित है.

० सावन के सोमवार की लिस्ट

पहला सोमवार : 10 जुलाई
दूसरा सोमवार : 17 जुलाई
तीसरा सोमवार : 24 जुलाई
चौथा सोमवार : 31 जुलाई
पांचवां सोमवार : 7 अगस्‍त
छठवां सोमवार : 14 अगस्‍त
सातवां सोमवार : 21 अगस्‍त
आठवां सोमवार : 28 अगस्‍त

ये भी पढ़ें: Sawan 2023 : घर में लाएं ये 9 चीजें, होती है भगवान भोलेनाथ की खास कृपा

Last Updated :Jul 9, 2023, 12:31 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details