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पहले किंग्सवे फिर राजपथ और अब से कर्तव्यपथ

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Published : Sep 7, 2022, 1:45 PM IST

आज से राजपथ, कर्त्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा नाम बदले जाने के प्रस्ताव को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (New Delhi Municipal Council) ने मंजूरी दे दी है. इसके लिए लाए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. Rajpath became Kartavya Path

First Kingsway then Rajpath and now Kartyvapath
First Kingsway then Rajpath and now Kartyvapath

नई दिल्ली: अब आज से राजपथ, कर्त्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा नाम बदले जाने का प्रस्ताव को नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (New Delhi Municipal Council) ने मंजूरी दे दी. इस बाबत लाया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से आज पारित हो गया. First Kingsway then Rajpath and now Kartavya Path

नई दिल्ली के जय सिंह मार्ग स्थित एनडीएमसी मुख्यालय में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, कुलजीत चहल समेत लगभग सभी सदस्य बैठक में हुए शामिल हुए. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री व एनडीएमसी सदस्य अरविंद केजरीवाल एक बार फिर बैठक में शामिल नहीं हुए. इस बैठक में राजपथ का नाम बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई और फिर बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अब 'इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा.' ब्रिटिश काल में राजपथ को किंग्सवे कहा जाता था.

बताया जाता है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से गुलामी की हर चीज से मुक्त होने की बात कही है, तभी से राजपथ के नाम बदलने पर भी मंथन शुरू हो गया था. इसी कड़ी में सरकार ने अब कई सालों बाद राजपथ को कर्तव्य पथ नाम देने का ऐलान दो दिन पहले कर दिया है. 8 सितंबर को पीएम मोदी सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करेंगे.

पहले किंग्सवे फिर राजपथ और अब से कर्तव्यपथ

राजपथ का इतिहास :एनडीएमसी (New Delhi Municipal Council) के पूर्व अधिकारी व लुटियंस दिल्ली पर कई किताबें लिख चुके मदन थपलियाल बताते हैं, रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़स बुधवार सुबह तक राजपथ के नाम से जाना जाता था. 1955 से पहले यह सड़क किंग्सवे के नाम से जाना जाता था. जहां सिर्फ राजाओं को ही जाने की इजाजत हुआ करती थी. ब्रिटिश काल में ब्रिटिश शासकों के अहम अधिकारी ही इस रास्ते से जाया करते थे. अंग्रेजों ने किंग जॉर्ज पंचम के सम्मान में राजपथ का नाम किंग्सवे रखा था. जो साल 1911 में दिल्ली दरबार में हिस्सा लेने के लिए आए थे. कहा जाता है कि इसी वक्त दिल्ली को भारत की राजधानी बनाया गया था और इससे पहले भारत की राजधानी कोलकाता हुआ करती थी. इस वक्त इस किंग्सवे का मतलब राजा का रास्ता से था.

First Kingsway then Rajpath and now Kartyvapath

वर्ष 1947 में जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो भारत में काफी सुधार हुए. अंग्रेजों का गुणगान करने वाले स्थानों का नाम बदला गया और कई जगहों को आम नागरिकों के लिए खोला गया. इसमें राजपथ भी शामिल था. भारत 1947 में आजाद हुआ और जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने. उन्होंने साल 1955 में इस किंग्सवे का नाम बदलने का फैसला किया और इसका नाम राजपथ किया गया. इसका नाम राज यानी लोकतंत्र से जोड़कर रखा गया. बता दें कि इसके पास ही एक सड़क है, जिसका नाम जनपथ है.

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