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ऑड-ईवन को लेकर एक्सपर्ट का दावा, कहा- नहीं मिलेगी विशेष राहत, प्रदूषण के कारक सिर्फ वाहन नहीं!

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 7, 2023, 8:29 PM IST

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के कारक सिर्फ वाहन नहीं है. यहां साल भर औद्योगिकरण होता है, इंफ्रास्ट्रक्चर का काम होता है, जब तक अन्य सभी कारणों पर काम नहीं होगा, तब तक प्रदूषण से राहत नहीं मिलेगी. Delhi pollution, Odd-even scheme in Delhi, Delhi Odd Even Rule, Delhi NCR Air Pollution, Delhi Air Pollution

दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण
दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण

दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली सहित पूरा एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस कएक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण की पाबंदियां लागू की गई, लेकिन प्रदूषण स्तर में विशेष गिरावट दर्ज नहीं की गई है. अब दिल्ली सरकार ने 13 से 20 नवंबर तक ऑड ईवन योजना को होल्ड पर रख दिया है.

हालांकि, एक्सपर्ट कहना है कि यह योजना बहुत ज्यादा कारगर साबित नहीं होगी. इसके मद्देनजर ईटीवी भारत ने पर्यावरणविद् सुशील राघव से बात की तो उन्होंने ऑड ईवन से विशेष राहत न मिलने के पीछे कई तथ्य दिए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारक सिर्फ वाहन ही नहीं अन्य भी कई कारक हैं.

ऑड ईवन लागू होने पर भी सड़क पर रहेंगे 50 लाख वाहन:2016 में पहली बार ऑड ईवन योजना दिल्ली में लागू की गई थी. राघव का कहना है कि पहली बार जब यह योजना लागू की गई थी तब भी बहुत ज्यादा कारगर नहीं थी. एयर क्वालिटी इंडेक्स में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं दर्ज की गई थी. दिल्ली में करीब 80 लाख वाहन रजिस्टर्ड है और एनसीआर से 5.7 लाख वाहन रोजाना दिल्ली में प्रवेश करते हैं. यदि ऑड ईवन लागू कर दिया जाए तब भी रोजाना सड़कों पर करीब 50 लाख वाहन रहते हैं. इससे प्रदूषण के स्तर में बहुत ज्यादा फर्क नहीं दिखाई देगा.

प्रदूषण के अन्य कारणों पर भी काम की जरूरत: सुशील राघव का कहना है कि इस बार 1 हफ्ते के लिए केवल ऑड ईवन लागू करने की योजना बनाई गई है. इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा. दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण के बहुत सारे कारण हैं, जब तक अन्य कारणों पर काम नहीं होगा, तब तक प्रदूषण से राहत नहीं मिल सकती. दिल्ली में अपना प्रदूषण बहुत कम है. दिल्ली के चारों तरफ के राज्यों में बहुत ज्यादा औद्योगिकरण है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को साल भर उद्योगों और इंफ्रास्ट्रक्चर से हो रहे प्रदूषण के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए.

ऑड ईवन से लाखों लोगों को होगी परेशानी: ऑड ईवन को लेकर सरकार की तरफ से बहुत ज्यादा तैयारी नहीं दिख रही है. सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में तो चलती है लेकिन पूरे एनसीआर में यहां की बसें नहीं है. वहीं, दूसरे राज्यों की बसें हर जगह नहीं जाती है. ऑड ईवन लागू हुआ तो एनसीआर के लाखों लोगों को दिल्ली आने जाने में परेशानी होगी.

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