नई दिल्ली:कांग्रेस ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के नए आरोप लगाए हैं. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि मैं आज उपराज्यपाल को एक पत्र लिखने जा रहा हूं और मैं उनसे साइट पर निर्माण को तुरंत रोकने और दिल्ली मास्टर प्लान के विरासत संरक्षण प्रावधानों के उल्लंघन की जांच करने का आग्रह करूंगा.
माकन ने दावा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने वास्तव में मुख्यमंत्री आवास क्षेत्र के नवीनीकरण के लिए 45 करोड़ रुपये, बल्कि 171 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. मुख्यमंत्री आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस के आसपास पांच संपत्तियां हैं, जहां वरिष्ठ अधिकारियों को आवास दिया गया था. करीब 22 फ्लैट बनाए गए थे. अब इन 22 फ्लैटों में से 15 को खाली करा दिया गया है और यहां कोई नया आवंटन नहीं होगा. इनका इस्तेमाल मुख्यमंत्री आवास क्षेत्र का विस्तार करने के लिए किया जाएगा. इन आवासों में रहने वाले अधिकारियों के लिए सरकार ने राष्ट्रमंडल खेल ग्राम क्षेत्र में 131 करोड़ रुपए की लागत से 21 नए फ्लैट खरीदे हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने यह सारा पैसा भारत की संचित निधि से लिया और अनुदान की मांगों में इसका उल्लेख नहीं किया. जिसे दिल्ली विधानसभा द्वारा अनुमोदित किया जाना है. आमतौर पर केंद्र सरकार या राज्य सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अनुदान की मांगों में इस तरह के अतिरिक्त खर्चों को दिखाती है, लेकिन केजरीवाल सरकार ने ऐसा नहीं किया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत स्थानीय निकाय की अनुमति से की गई है. लेकिन दिल्ली सरकार ने एक प्रावधान का गलत इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह किया. उत्तरी दिल्ली नगर निगम, स्कूलों या अस्पतालों जैसी जनहित परियोजनाओं के मामले में अनुमति के लिए लोक निर्माण विभाग को छूट दे सकता है. लेकिन दिल्ली सरकार ने प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए इसका इस्तेमाल मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण के लिए किया, जिसकी जांच होनी चाहिए.