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दिल्ली LG पर भड़के स्पीकर, कहा- मुझे पत्र नहीं मिला, उपराज्यपाल कार्यालय से सीधे मीडिया को मिल गया, यह गलत है..

Speaker raging on Delhi LG: आम आदमी पार्टी के विधायक पर टिकट बेचने के आरोप में कार्रवाई करने को लेकर एलजी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा, जो उनको मिला ही नहीं. उपराज्यपाल कार्यालय से मीडिया को पत्र मिलने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इस पर नाराजगी जताई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 23, 2023, 3:43 PM IST

नई दिल्ली :आम आदमी पार्टी के विधायक पर एमसीडी चुनाव में पार्टी का टिकट बेचने के आरोप पर मुकदमा चलाने के लिए एलजी ने विधानसभा अध्यक्ष को जो पत्र भेजा है, वह अभी विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को नहीं मिला है. एलजी द्वारा लिखा गया पत्र मीडिया को मिल गया है. इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने नाराजगी जताई है.

ETV भारत से बातचीत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक यह पत्र उन्हें नहीं मिला, लेकिन उपराज्यपाल कार्यालय से एलजी का वह पत्र मीडिया को मिल गया. विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब उन्हें एलजी का कोई पत्र मिलेगा, तब वह उसे पढ़ेंगे और उनको जवाब देंगे.

विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी जरूरी: विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि जिस तरह एलजी संवैधानिक पद पर बैठे हैं उसी तरह विधानसभा का अध्यक्ष होने के नाते वह भी संवैधानिक पद पर हैं. इस तरह एक दूसरे को लिखे पत्र को पहले सार्वजनिक करना गलत है. दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मॉडल टाउन से आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए सतर्कता विभाग के अनुरोध को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के पास मंजूरी के लिए भेजा है.

किसी भी विधायक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से मुकदमा चलाने की अनुमति लेना होता है. उपराज्यपाल ने इस मामले को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष को भेजते हुए कहा है कि “स्पीकर” वर्तमान मामले में अभियोजन मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकारी थे, क्योंकि आरोपी एक मौजूदा विधायक है.

क्या था आरोप: पिछले साल हुए एमसीडी चुनाव में कमला नगर वार्ड नंबर 69 सीट से पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए आप का टिकट दिलाने के एवज में महिला के पति ने शिकायत दर्ज कराई थी. महिला के पति की शिकायत पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था. जांच में एसीबी के अधिकारियों को जो तथ्य व सबूत मिले हैं, वह बताता है कि इस रिश्वत मामले में विधायक और अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता है.

एसीबी ने आप विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के खिलाफ एक केस तैयार किया है, जिसमें रंगेहाथों पैसे की जब्ती और अन्य आरोपी व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयान शामिल है. AAP विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी पर एमसीडी चुनाव के दौरान एक महिला उम्मीदवार को आम आदमी पार्टी का टिकट दिलाने के बदले 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है.

जांच एजेंसी के पास 12 नवंबर 2022 की रात करीब 1.30 बजे का वजीरपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक राजेश गुप्ता के घर का सीसीटीवी फुटेज भी है. जिसमें फरियादी को वहां से जाते हुए देखा गया है. सीसीटीवी फुटेज में मॉडल टाउन से विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के वजीरपुर विधायक के आवास पर पहुंचने और कुछ देर रुकने के भी संकेत मिले हैं. अखिलेशपति त्रिपाठी के बहनोई ओम सिंह, शिव शंकर पांडे उर्फ विशाल पांडे (त्रिपाठी के पीए) और प्रिंस रघुवंशी सहित तीन लोगों को गत वर्ष 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था.

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बीजेपी के इशारे पर फंसाने की कोशिश: आम आदमी पार्टी के मॉडल टाउन से विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोपी बेबुनियाद है और यह बीजेपी नेताओं के इशारे पर उन्हें फंसाने की साजिश है. जबकि एसीबी का तर्क है कि आप विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे और उनसे पूछे गए सवालों का ठीक से जवाब नहीं दिया है. जांच के दौरान वजीरपुर से आप विधायक राजेश गुप्ता का नाम भी सामने आया. आरोप है कि अखिलेशपति त्रिपाठी के कहने पर राजेश गुप्ता को 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.

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