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राहुल द्रविड़ ने शानदार पिच तैयार करने पर मैदानकर्मियों को दिये 35000 रुपये

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Published : Nov 30, 2021, 1:03 PM IST

Rahul Dravid gives Rs 35,000 to field men for preparing brilliant pitch
Rahul Dravid gives Rs 35,000 to field men for preparing brilliant pitch ()

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने खेल के बाद प्रेस बॉक्स में घोषणा की, "हम एक आधिकारिक घोषणा करना चाहते हैं. राहुल द्रविड़ ने हमारे मैदान कर्मियों को व्यक्तिगत रूप से 35,000 रुपये दिये है."

कानपुर: भारतीय क्रिकेट टीम के नये कोच राहुल द्रविड ने शिव कुमार की अगुवाई में यहां के ग्रीन पार्क मैदान में बेहतरीन पिच तैयार करने वाले कर्मचारियों को 35,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि से सम्मानित किया.

भारत में जन्मे एजाज पटेल और रचिन रविन्द्र ने सोमवार को यहां शानदार संयम का परिचय देते हुए अंतिम विकेट बचाकर मेजबान टीम के खिलाफ न्यूजीलैंड को हार से बचा लिया.

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने खेल के बाद प्रेस बॉक्स में घोषणा की, "हम एक आधिकारिक घोषणा करना चाहते हैं. राहुल द्रविड़ ने हमारे मैदान कर्मियों को व्यक्तिगत रूप से 35,000 रुपये दिये है."

अपने समय में द्रविड़ को निष्पक्ष खेल भावना के लिए जाना जाता था. मैदानकर्मियों को मिली प्रोत्साहन राशि इस बात का प्रतीक था कि पिच में मैच के पांचों दिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए कुछ था.

इस पिच पर जहां शानदार तकनीक दिखाने वाले श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल, टॉम लाथम और विल यंग जैसे बल्लेबाजों ने रन बनाए तो वहीं टिम साउदी और काइल जैमीसन जैसे तेज गेंदबाजों ने भारत के शीर्ष क्रम को परेशान किया.

पिच से भारतीय स्पिनरों को भी मदद मिली.

द्रविड़ ने सोमवार को मैच के बाद कहा, "हमने काफी संयम और संघर्ष का जज्बा दिखाया और उस अंतिम सत्र में वास्तव में कड़ी मेहनत की. पांचवें दिन पिच से मदद नहीं मिल रही थी. गेंद में हरकत नहीं हो रही थी और लंच के बाद आठ विकेट लेने का वास्तव में शानदार प्रयास था."

उन्होंने कहा, "अगर किस्मत का थोड़ा साथ मिला होता तो मैच का रुख हमारी ओर मुड़ जाता. मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने वास्तव में कड़ी मेहनत की."

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द्रविड़ इस बात से आश्चर्यचकित थे कि मैच के पांचवें दिन पिच से गेंद को बेहद कम टर्न मिल रही थी और गेंद असमान हरकत नहीं कर रही थी. इससे गेंद बल्ले का किनारा नहीं ले रही थी और स्लिप तथा बल्लेबाज के आस-पास खड़े क्षेत्ररक्षकों की भूमिका सीमित हो गयी.

द्रविड़ ने कहा, "गेंद नीचे रहने के साथ धीमी आ रही थी, शायद इसमें उछाल और टर्न नहीं था. पांचवें दिन भारतीय परिस्थितियों में पिच में दरार आ जाती है लेकिन इसमें ऐसा कुछ नहीं था."

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