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पाकिस्तान ने अफगान तालिबान का समर्थन नहीं करने का किया फैसला

By PTI

Published : Nov 9, 2023, 8:12 PM IST

पाकिस्तान ने अफगान तालिबान का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अब अंतरिम अफगान तालिबान सरकार को कोई 'विशेष रियायत' नहीं देगा. ऐसे में अफगान तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने की संभावना पहले से और कम हो गई है. Pakistan decides not to back Afghan Taliban, TTP terror group, Afghan Taliban.

Afghanistan and Pakistan
अफगानिस्तान

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी समूह को निष्क्रिय करने में काबुल की विफलता के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफगान तालिबान के मामले का समर्थन नहीं करने या कोई अन्य सहायता नहीं देने का फैसला किया है. गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, पाकिस्तान अब अंतरिम अफगान तालिबान सरकार को कोई 'विशेष रियायत' नहीं देगा, जो दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गिरावट का संकेत देता है.

टीटीपी की स्थापना 2007 में कई चरमपंथी संगठनों के एक छत्र समूह के रूप में की गई थी. टीटीपी का अफगान तालिबान के साथ वैचारिक संबंध है और इसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है.

इसका मुख्य उद्देश्य पूरे पाकिस्तान में इस्लाम के सख्त नियम को लागू करना है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद अफगान तालिबान टीटीपी सदस्यों को देश से बाहर निकाल कर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा. लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद ऐसा करने से इनकार कर दिया है.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने कहा कि पाकिस्तान की नीति में स्पष्ट बदलाव का तात्कालिक निहितार्थ यह है कि अफगान तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने की संभावना पहले से और कम हो गई है.

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को अखबार को बताया कि अगस्त 2021 में सत्ता में आने के बाद अफगान तालिबान सरकार को दी गई पाकिस्तानी सहायता और सद्भावना को हल्के में लिया गया.

तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद, पाकिस्तान उसके मुख्य समर्थक के रूप में सामने आया, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और हितधारकों विशेष रूप से पश्चिमी देशों से काबुल में नए शासकों के साथ जुड़े रहने का आग्रह किया.

अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के प्रवक्ता के रूप में कार्य करने की पाकिस्तान की नीति की अक्सर देश के भीतर और बाहर कड़ी आलोचना होती है. हालांकि, उस समय अधिकारियों ने इस दृष्टिकोण का बचाव करते हुए जोर दिया कि अफगान तालिबान एक वास्तविकता है और उनके साथ काम करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है.

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