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'सुप्रीम' आदेश के बावजूद खड़े हैं सुपरटेक के ट्विन टावर्स, इमारत गिराने की डेडलाइन बीती

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Published : Jan 22, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 5:35 PM IST

Deadline for demolition of Twin Towers of Supertech is over demolition has not started yet
Deadline for demolition of Twin Towers of Supertech is over demolition has not started yet ()

सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने की डेडलाइन खत्म हो गई, लेकिन अब तक 32 मंजिला इमारत को गिराने का काम शुरू भी नहीं किया गया है. अवैध तरीके से नोएडा सेक्टर-93 में यमुना के किनारे बनी इस इमारत को ध्वस्त करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है.

नई दिल्ली/नोएडा :सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने की डेडलाइन खत्म हो गई, लेकिन अब तक 32 मंजिला इमारत को गिराने का काम शुरू भी नहीं किया गया है. अवैध तरीके से नोएडा सेक्टर-93 में यमुना के किनारे बनी इस इमारत को ध्वस्त करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. यह बिल्डिंग मानकों का उल्लंघन करते हुए यमुना के किनारे कालिंदी कुंज बर्ड सैंक्चुअरी के दायरे में बनाई गई है. NGT के एक्शन के बाद इस मामले को बिल्डर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जहां कोर्ट ने इमारत को अवैध तरीके से निर्मित पाते हुए ध्वस्त करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ट्विन टॉवर्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. जिसकी डेडलाइन बीत चुकी है. कोर्ट ने ध्वस्तीकरण का खर्च भी बिल्डर को ही उठाने का आदेश दिया है. अब सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने के लिए मुंबई की एक कंपनी ने प्रस्ताव दिया है. डिस्मैंटल करने वाली कंपनी के इंजीनियर राहुल सिरोही ने ईटीवी भारत से बताया कि ट्विन टावर्स को गिराने की तैयारी में करीब तीन महीने लगेंगे. इसके बाद तीन महीने ही इमारत का मलबा हटाने में लगेंगे. उन्होंने बताया कि इसे किस्तों में गिराने का काम किया जाएगा. इससे ध्वस्तीकरण का खर्च भी बढ़ेगा. सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट के ट्विन टावर्स को तोड़ने में करीब 10 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इंजीनियर राहुल सिरोही ने बताया कि बिल्डर और नोएडा विकास प्राधिकरण ने कंपनी के साथ मिलकर टावर को गिराने की योजना बनाई है. इनकी योजना काफी अच्छी लग रही है.

सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने की डेडलाइन खत्म, अब तक ध्वस्तीकरण नहीं हुआ शुरू

बिल्डिंग को कम समय में आधुनिक टेक्नोलॉजी से गिराया जाएगा. मलबा हटाने में एक लंबा समय लगेगा. मलबे को प्राधिकरण या बिल्डर दोबारा प्रयोग कर सकते हैं. हाई राइज बिल्डिंग को एक वाटर फॉल के रूप में गिराया जाएगा, ताकि हाई राइज बिल्डिंग कम समय में पूरी तरीके से जमींदोज़ हो जाए. इसके लिए बिल्डिंग में जगह-जगह छेद करके एक साथ विस्फोट किया जाएगा. विस्फोट से मलबा दूर तक न फैले. इसके लिए जाल बिछाने का काम किया जाएगा. फिलहाल सुपरटेक ने डिस्मैंटलिंग का काम इस कंपनी को अभी नहीं सौंपा है.

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ट्विन टावर्स को सर्वोच्च न्यायालय ने अवैध मानते हुए 30 अगस्त 2021 को गिराने का आदेश दिया. कोर्ट ने 30 नवंबर तक टावरों को गिराए जाने आदेश दिया था. सुपरटेक पर कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच SIT से कराने का आदेश दिया. 32 मंजिला अवैध इमारत बनाने की जांच में 26 अधिकारी और सुपरटेक कंपनी के चार निदेशक जिम्मेदार मिले. SIT जांच के आधार पर प्राधिकरण के नियोजन विभाग की ओर से विजिलेन्स लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया. इस मामले में अब तक कई अधिकारियों और कर्मियों का निलंबन हो चुका है.

Last Updated :Jan 22, 2022, 5:35 PM IST

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