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एक हाथ खोया पर हौसला नहीं, हुनर से दुनिया भर में नाम कमा रहे राजाराम

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Published : Oct 11, 2022, 6:52 PM IST

दिल्ली में हुए सड़क हादसे के दौरान एक हाथ गंवाने वाले राजाराम प्रसाद की बनाई ज्वेलरी का देश-विदेश में डंका बज रहा है. उनकी बनाई ज्वेलरी की काफी मांग है. इस हुनर को अगली पीढ़ी के साथ आगे बढ़ाते हुए राजाराम ने कई लोगों को रोजगार भी दिलाया है. आइए जानते हैं कौन है राजाराम प्रसाद..

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बेबसी को मात दे रहा हुनरमंद राजाराम

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मुश्किल वक्त इंसान को बहुत कुछ सिखाता है. कई बार लोग मुश्किलों और मुसीबतों के आगे घुटने टेक देते हैं और बिखर जाते हैं जबकि कुछ लोग कठिनाइयों को जीवन का गहना समझकर उन से लड़ते और डटकर मेहनत करते हैं और जिंदगी को बेहतर बनाते हैं. राजाराम प्रसाद की भी कुछ ऐसी ही कहानी है. उनके जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन दिल्ली में बस से हुए एक्सीडेंट ने जिंदगी को एक नए मोड पर लाकर खड़ा कर दिया.

मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले राजाराम का परिवार 1991 में गाजियाबाद आ बसा. यहां पिता की ज्वेलरी की दुकान थी. पिता के साथ ही वह जेम्स और ज्वेलरी के बिजनेस में लग गए. सबकुछ सामान्य चल रहा था. 2011 में दिल्ली से गाजियाबाद लौटते वक्त राजाराम का बस एक्सीडेंट हो गया.

एक्सीडेंट में हाथ पर बस का पहिया चढ़ गया, जिसमें उन्होंने अपना हाथ खो दिया. करीब दो महीने तक अस्पताल में भर्ती रहे. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर लौटे तो कई हफ्तों तक इसी चिंता में रहे कि कैसे जीवन आगे बढ़ेगा. परिवार के लोगों ने हौसला अफजाई की तो फिर किसी तरह अपने पारिवारिक जेम्स और ज्वेलरी के व्यापार में जुड़ गए.

बेबसी को मात दे रहा हुनरमंद राजाराम

नहीं टूटने दिया हौसला

राजाराम बताते हैं कि एक हाथ से काम करना मुश्किल था, लेकिन भगवान ने बहुत हिम्मत दी. भले ही एक हाथ नहीं था लेकिन मन में कुछ अलग और बड़ा करने की उम्मीद बनी रही. एक मित्र ने कहा था कि दुनिया में जो दो हाथ वाला इंसान काम नहीं कर पाया है वह काम एक हाथ वाले इंसान ने कर दिखाया है.

मित्र की इसी बात से प्रभावित होकर उन्होंने और बेहतर करने की हिम्मत जुटाई. 2014 में नोएडा स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट से स्टोन ज्वेलरी बनाने की ट्रेनिंग की. 2014 में महालक्ष्मी इंटरनेशनल के नाम से कंपनी रजिस्टर्ड कराई.

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कई देशों में लगाई प्रदर्शनी

सरकार के सहयोग से राजाराम ने पहली प्रदर्शनी साउथ अमेरिका के Chile में लगाई. इसके बाद 2015 में मिलान, इटली. 2016 में इथोपिया. 2017 चाइना में भी प्रदर्शनी के माध्यम सेअपने हुनर को प्रदर्शित किया.

वह बताते हैं कि हमारी बनाई गई स्टोन ज्वेलरी को साउथ अमेरिका, एशिया समेत कई यूरोपियन देशों में खासा पसंद किया जाता है. 2014 से अब तक तकरीबन 10 हजार से अधिक स्टोन ज्वेलरी आइटम तैयार कर विभिन्न देशों में प्रदर्शनी के माध्यम से बेच चुके हैं.

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मुख्यमंत्री योगी ने भी किया सम्मानित

17 सितंबर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काम को सराहते हुए अवार्ड से नवाजा है. राजाराम का कहना है कि आगे इससे भी बेहतर करना है. हालांकि, उनके सफर के दौरान उन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा काफी सहयोग किया गया, जिसकी वजह से आज आगे बढ़ रहे हैं. फिलहाल वह अपने एक हाथ पैर और मुंह का इस्तेमाल करके स्टोन ज्वेलरी तैयार करते हैं.

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