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सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों खर्च, फिर भी साफ नहीं हुई यमुना!

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Published : Jan 28, 2020, 7:22 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 9:14 PM IST

यमुना को साफ करने के दावे सभी सरकारें करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. अब अरविंद केजरीवाल ने फिर से दिल्ली वासियों से वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो पांच साल में यमुना को इतना साफ करेंगे कि खुद डुबकी लगाने आएंगे.

yamuna conditation is very bad in wajeerabad ram ghat
यमुना में गंदगी का आलम

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना की हालत बहुत ही दयनीय है. दिल्ली के वजीराबाद स्थित राम घाट पर यमुना में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. यमुना की सफाई करने के नाम पर हर साल सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन काम एक पैसे का भी दिखाई नहीं देता. अधिकारी आते हैं और दौरा कर चले जाते हैं, लेकिन सफाई कभी नहीं होती.

वजीराबाद के पास यमुना गंदी!

डुबकी लगाने से बीमारी होने का डर
यमुना का यह नजारा वजीराबाद के रामघाट का है. जहां पर हर रविवार को श्रद्धालु यमुना में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं. यमुना किनारे कूड़ा पड़ा रहता है और पानी प्रदूषित होने की वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है. आस्था के नाम पर श्रद्धालु यमुना में डुबकी तो लगा लेते हैं, लेकिन उन्हें भी बीमार होने का डर रहता है.

हर करोड़ों रूपये खर्च
यमुना घाट पर रहने वाले पुजारी ने बताया कि पिछले कई सालों से यमुना की हालत बहुत ही दयनीय है. यमुना का पानी इतना प्रदूषित है कि लोगों को नहाने में भी डर लगता है. अधिकारी यमुना का दौरा करने के लिए आते हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं. हालांकि सरकार करोड़ों रुपए यमुना की सफाई के नाम पर खर्च करती है.

टेढ़ी खीर है यमुना की सफाई होना
तिमारपुर से आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक पंकज पुष्कर ने भी कई बार अधिकारियों को पत्र लिखकर यमुना का दौरा करवाया और सफाई कराने के लिए कई बार अभियान भी छेड़ा, लेकिन यमुना की सफाई होना बहुत ही टेढ़ी खीर नजर आती है, क्योंकि घरों से निकलने वाला कूड़े से लेकर पूजा का सामान लाकर लोग यमुना में डालते हैं. इस वजह से यमुना लगातार प्रदूषित होती जा रही है.

Last Updated : Jan 28, 2020, 9:14 PM IST

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