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क्या ऑड-इवन के लिए तैयार है दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ?

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Published : Nov 1, 2019, 11:12 AM IST

Updated : Nov 2, 2019, 6:18 PM IST

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 4 नवंबर से ऑड-इवन सिस्टम लागू होने जा रहा है. लेकिन मौजूदा वक्त में दिल्ली में बसों की कुल संख्या 4 हजार भी नहीं है. ऐसे ऑड-इवन के सफल होने पर संशय का खतरा है.

ट्रांसपोर्ट सिस्टम

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आने वाले 4 नवंबर से ऑड-इवन सिस्टम लागू हो रहा है. दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को कम करना सिस्टम का मकसद है. इसी के बहाने लोगों को सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से जोड़ना भी है. हालांकि यहां सबसे बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ऑड-इवन सिस्टम के लिए तैयार है. दरअसल, राजधानी में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के नाम पर दिल्ली मेट्रो और बसें प्रमुख साधन हैं.

दिल्ली में 4 नवंबर से लागू होने जा रहा है ऑड-इवन

जरूरत के हिसाब से मेट्रो समय-समय पर न सिर्फ अपनी उपयोगिता बल्कि अपनी सेवाओं में भी बदलाव करती है. लेकिन जब बसों की बात आती है तो संख्या के नाम पर पहले से नाकाफी आंकड़े उम्मीदों पर जैसे पानी ही फेर देते हैं.

बोलने को तैयार नहीं अधिकारी
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में रोजाना लगभग 42 लाख लोग सफर करते हैं. इस हिसाब से सड़कों पर 11 हजार बसों की जरूरत है. हालांकि अभी के समय में इन बसों की कुल संख्या 4 हजार भी नहीं है. खास बात है कि ऑड-इवन सिस्टम के दौरान 2000 अतिरिक्त बसों को हायर करने की बात तो कही जा रही है. लेकिन DTC का कोई भी अधिकारी इस विषय पर बोलने को तैयार ही नहीं है.

'ऑड-इवन सिस्टम का कोई फायदा नहीं'
दिल्ली परिवार मजदूर संघ के महामंत्री कैलाश चंद ने बताया कि 2010 के बाद से DTC में एक भी नई बस शामिल नहीं हुई है. टेंडर लगातार फेल हो रहे हैं और बसों की संख्या बढ़ने के बजाय उल्टा घट रही है. उन्होंने बताया कि बिना बसों के दिल्ली में न तो महिलाओं के लिए फ्री यात्रा की सुविधा देने का कोई फायदा है और ना ही ऑड-इवन सिस्टम का.

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में बसों की संख्या पर्याप्त होगी तो लोग भी अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल न कर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा देंगे. हालांकि ऐसा नहीं है.

दिल्ली सरकार का दावा
दिल्ली सरकार पहले ही दावे कर चुकी है कि सिस्टम को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. इसके लिए लंबे समय से प्लानिंग के बाद अब इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. हालांकि बसों की इतनी कम संख्या में पूरा सिस्टम कैसे सुचारू रूप से काम करेगा. ये तो वक्त ही बताएगा.

Last Updated : Nov 2, 2019, 6:18 PM IST

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