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दिल्ली दंगों के आरोपी शाह आलम को मिली जमानत

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Published : Oct 23, 2020, 9:58 AM IST

दिल्ली हिंसा के दौरान चांदबाग में एक दुकान में लूटपाट और आगजनी के आरोपी शाह आलम को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि आरोपी को झूठे तरीके  से फंसाया गया है. आरोपी पिछले 20 अप्रैल से न्यायिक हिरासत में है.

Shah Alam gets bail in Delhi riots accused
दिल्ली दंगों के आरोपी शाह आलम को मिली जमानत

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान चांदबाग में एक दुकान में लूटपाट और आगजनी के आरोपी शाह आलम को जमानत दे दी है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि आरोपी का न तो एफआईआर में नाम है और न ही कोई सीसीटीवी फुटेज है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी का कॉल डिटेल रिकॉर्ड भी नहीं है.

शाह आलम को मिली जमानत
'न कोई सीसीटीवी फुटेज और न ही कॉल डिटेल रिकॉर्ड'

सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से वकील दिनेश तिवारी ने कहा कि आरोपी को झूठे तरीके से फंसाया गया है. आरोपी पिछले 20 अप्रैल से न्यायिक हिरासत में है. आरोपी की उम्र 26 वर्ष है और वह अपने परिवार का एकलौता कमाऊ सदस्य है. आरोपी का नाम एफआईआर में नहीं है. आरोपी के खिलाफ न तो कोई सीसीटीवी फुटेज है और न ही कॉल डिटेल रिकॉर्ड है. आरोपी की किसी भी स्वतंत्र गवाह ने पहचान नहीं की है. दिनेश तिवारी ने कहा कि कांस्टेबल ज्ञान सिंह की गवाही पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

दो सह-आरोपियों को मिल चुकी है जमानत

दिनेश तिवारी ने कहा कि आरोपी के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि घटना 25 फरवरी की है, जबकि एफआईआर छह दिनों की देरी के बाद 3 मार्च को दर्ज किया गया. इस मामले के दो सह-आरोपियों राशिद सैफी और मोहम्मद शादाब को पिछले 13 अक्टूबर को जमानत मिल चुकी है. ऐसे में समानता के आधार पर आरोपी को जमानत मिलनी चाहिए. तिवारी ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.

कांस्टेबल ने की आरोपियों की पहचान

आरोपी की जमानत का दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने विरोध करते हुए कहा कि चांदबाग और बृजपुरी पुलिया के पास करीब डेढ़ महीने से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे. 23 फरवरी को चांदबाग के पास प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और वजीराबाद रोड और करावल नगर रोड पर हिंसा फैल गई. दंगा 26 फरवरी तक जारी रहा. इस दौरान दयालपुर थाना समेत उत्तर-पूर्वी दिल्ली के थानों में दंगे से जुड़े कई केस दर्ज किए.

इन दंगों में सार्वजनिक और निजी संपत्ति के अलावा लोगों की जानें गई. दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान 3 मार्च को कांस्टेबल ज्ञान सिंह ने अपने बयान में बताया कि वो घटनास्थल पर मौजूद था और उसने आरोपी के अलावा सह-आरोपियों राशिद सैफी और मोहम्मद शादाब की पहचान की. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी मुख्य साजिशकर्ता ताहिर हुसैन का भरोसेमंद है.


फर्नीचर की दुकान में लूटपाट और आगजनी का मामला

इस मामले में एफआईआर 3 मार्च को दर्ज की गई थी. हरप्रीत सिंह ने 27 फरवरी और 1 मार्च को दो शिकायतें दर्ज कराई. दोनों शिकायतों को एक कर एफआईआर दर्ज की गई. शिकायत में हरप्रीत सिंह ने कहा कि उसकी दुकान मेन वजीराबाद रोड, चांदबाग में आनंद टिंबर फर्नीचर की दुकान है. उसकी दुकान को 25 फरवरी को दंगाईयों की भीड़ ने दोपहर साढ़े बारह बजे लूट लिया और आग लगा दी. हरप्रीत सिंह ने कहा कि उसकी दुकान से दस से तेरह हजार रुपये के बीच रखे गए पैसों को लूट लिया गया.

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