नई दिल्ली :साल 2037 तक दिल्ली को विकसित राज्य बनाने और इसकी इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के रोड मैप पर चर्चा के लिए दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में एक सेमिनार का आयोजन किया गया. आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य एवं ट्रांसपेरेंसी वेब सीरीज के डायरेक्टर डॉक्टर मुनीश रायजादा ने इस सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें अर्थशास्त्री और कारोबारियों के साथ ही देश के कई बुद्धिजीवियों ने शिरकत की.
डॉक्टर मुनीश रायजादा ने सेमिनार में दिल्ली के विकास को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस रफ्तार से दिल्ली का विकास हो रहा है. उससे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि कभी दिल्ली दुनिया के प्रसिद्ध शहरों में शामिल लंदन, पेरिस या हॉन्ग कॉन्ग जैसा शहर बन पाएगी. जिसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दावा करते रहे हैं कि वह दिल्ली को लंदन और पेरिस जैसा शहर बनाएंगे. लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में भी इतनी कैपेबिलिटी है कि इसकी इकॉनमी भी साल 2037 तक स्वतंत्र रूप से एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है.
दिल्ली के विकसित होने और वर्ल्ड क्लास शहर बनने की पूरी संभावना है
रायजादा ने बताया कि इस वक्त दिल्ली का बजट 70 हजार करोड़ रुपए है, लेकिन जब वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ बैठे थे तो उन्हें बताया गया था कि दिल्ली का बजट 40000 करोड़ रुपए है. दिल्ली की इकॉनमी को भी मौजूदा इकॉनमी के मुकाबले 5 गुना तक बढ़ाया जा सकता है. दिल्ली देश की राजधानी है, जहां देश के विभिन्न हिस्सों से हर समूह के लोग रहते हैं. शिक्षा का स्तर यहां काफी ऊंचा है. हम सभी चाहते हैं कि भारत की राजधानी दिल्ली विकास के मामले में एक चुंबक की तरह काम करे. जब यह विकसित होगा तो दूसरे शहर भी इससे सबक लेंगे.
2047 तक 50 ट्रिलियन डॉलर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो सकती है
आबादी के लिहाज से चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है. इस लिहाज से अगर देखें तो इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाना चाहिए था. रायजादा ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से यह सुनते आ रहे हैं कि भारत राइजिंग एलीफेंट है, लेकिन भारत उपलब्धियां हासिल नहीं कर पा रहा है. भारत अगर अपनी आबादी का सही इस्तेमाल करे. उपभोक्ता की छवि से बाहर आकर उत्पादक की श्रेणी में आ जाए तो साल 2047 तक भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता है. जिसकी क्षमता 50 ट्रिलियन डॉलर होगी.