नई दिल्ली: साल 2017 से नॉर्थ एमसीडी में शासित बीजेपी के शासनकाल में निगम को लगातार आर्थिक बदहाली के दौर से गुजरना पड़ रहा है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि निगम के पास अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए भी पर्याप्त मात्रा में राजस्व नहीं है. अब निगम को कोर्ट के द्वारा तीखी टिप्पणी के बाद अपनी संपत्तियों को न सिर्फ लीज पर देकर बल्कि संपत्ति को बेच कर बड़ी संख्या में राजस्व जुटाना पड़ रहा है. ताकि कर्मचारियों का वेतन जारी किया जा सके.
इस बीच नॉर्थ एमसीडी में शासित बीजेपी की सरकार जल्द आगामी स्टैंडिंग कमेटी और हाउस की महत्वपूर्ण बैठकों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव निगम की जमीनों को लीज और बेचने के मद्देनजर ऑन टेबल प्रस्ताव लाने जा रही है. इतनी बड़ी संख्या में निगम की जमीनों को लीज या फिर बेचने के प्रस्ताव को ऑन टेबल लाया जाना निगम के इतिहास में पहली बार हो रहा है. निगम के द्वारा हाल ही में वॉल सिटी क्षेत्र के अंदर 22 दुकानों में से चार दुकानों को पहले ही बेचा जा चुका है.
जानकारी के मुताबिक, नॉर्थ एमसीडी में सत्ता में शासित बीजेपी के द्वारा जिन जमीनों को बेचने या फिर लीज पर देने का प्रस्ताव आगामी बैठकों में ऑन टेबल लाया जा रहा है. उसमें सबसे ज्यादा संपत्ति प्रमुख रूप से आसफ अली रोड पर स्थित निगम की संपत्तियां हैं. जिन्हें 99 साल की लीज पर देने का प्रस्ताव लाया जा रहा है. खास बात यह है कि इन सभी संपत्तियों के रिजर्व प्राइस को पहले के मुकाबले 20 फ़ीसदी काम करके अब यह प्रस्ताव लाने की तैयारी बीजेपी के द्वारा की जा रही है. उदाहरण के तौर पर पहले जिस 52 वर्ग मीटर की दुकान की कीमत 1 करोड़ 84 लाख थी अब उसे 1 करोड़ 40 लाख में निगम देने जा रहे हैं.