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निगम में टोल टैक्स घोटाला: मनीष सिसोदिया ने CBI जांच के लिए LG को लिखा पत्र

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Published : Oct 5, 2022, 5:57 PM IST

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने एक बार फिर उपराज्यपाल को अपने अधिकारों की याद दिलाई है. उन्होंने दिल्ली नगर निगम में छह हजार करोड़ रुपये की टोल टैक्स घोटाले की सीबीआई से जांच कराने के संबंध में उपराज्यपाल को पत्र लिखा (Sisodia wrote letter to LG regarding toll tax scam) है.

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नई दिल्ली:दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy CM Manish Sisodia) ने दिल्ली नगर निगम में छह हजार करोड़ रुपए की टोल टैक्स घोटाले की सीबीआई से जांच कराने के संबंध में उपराज्यपाल को पत्र लिखा (Sisodia wrote letter to LG regarding toll tax scam) है. सिसोदिया ने लिखा है कि रोजाना दिल्ली में आने वाले करीब 10 लाख कमर्शियल वाहनों से लिया गया पैसा मिलीभगत से खा लिया गया है. इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे पत्र की शुरुआत विजयदशमी की शुभकामनाओं के साथ की है. उसके बाद निगम में टोल टैक्स घोटाले की पहले की गई शिकायत पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लेने चिंता जताई है.

उन्होंने उपराज्यपाल को लिखा है कि गत 10 अगस्त को वह इस घोटाले की जानकारी उनको दी थी और इस संबंध में उनको चिट्ठी भी लिखी थी. बावजूद अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बेहतर होगा कि अन्य कथित घोटालों की तरह जिसमें अभी तक आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, उसी तरह निगम द्वारा इस टोल टैक्स घोटाले की भी जांच सीबीआई को जल्द सौंप देनी चाहिए.

मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर उपराज्यपाल को अपने अधिकारों की याद दिलाई है. मंगलवार को भी उन्होंने एक पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को संविधान प्रदत्त अधिकारों को याद दिलाते हुए अपने दायित्व के निर्वहन करने की बात कही थी. बुधवार को विजयदशमी के दिन जब निगम द्वारा कथित टोल टैक्स घोटाले की जांच की मांग उपमुख्यमंत्री ने की है, एक बार फिर उपराज्यपाल को अपने अधिकारों के सही इस्तेमाल करने का आग्रह किया है.

सिसोदिया ने CBI जांच के लिए LG को लिखा पत्र

सिसोदिया का आरोपःमनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर भाजपा शासित एमसीडी पर टोल टैक्स कंपनी से सांठ-गांठकर कर लगभग 6000 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि एकीकृत निगम बनने से पहले भाजपा ने 2017 में MEP इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड (MEP Infrastructure Developers Limited) नाम की कंपनी को 1200 करोड़ प्रति वर्ष के अनुसार पांच सालों के लिए ठेका दिया था. कंपनी ने पहले साल पैसा देने के बाद अगले साल से कभी 10 फीसद तो कभी 20 फीसद ही पैसा दिया. लेकिन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय ठेके को जारी रखा गया.

सिसोदिया ने CBI जांच के लिए LG को लिखा पत्र

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में वही ठेका शहाकर ग्लोबल लिमिटेड नाम की कंपनी को मात्र 786 करोड़ में दिया गया, जो एमसीडी को सिर्फ 250 करोड़ के लगभग ही देती है. यहां तक कि भाजपा ने नई कंपनी को कोरोना काल के नाम पर भी 83 करोड़ रुपयों की छूट दी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आरोप है कि दोनों कंपनियों का मालिक एक ही है. बिना सांठगांठ के यह सब संभव ही नहीं है. उन्होंने उपराज्यपाल से घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर ईमानदारी से जांच हो तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता जेल में नजर आएंगे.

सिसोदिया ने CBI जांच के लिए LG को लिखा पत्र


बता दें कि इस घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा था कि हैरानी की बात यह है कि नई कंपनी भी पूरा पैसा न देकर लगभग 250 करोड़ रुपये ही दे रही है. 2017 से 2022 तक दिल्ली की जनता लगभग 1200 करोड़ का टोल टैक्स भरती आई है जो एमसीडी के खाते में होने चाहिए थे. लेकिन सांठगांठ के चलते एमसीडी इन कंपनियों से पैसा वसूल नहीं रही है.

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