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14 कोरोना मरीजों के लीवर में पस भरने का मामला आया सामने, एक की मौत

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Published : Jul 22, 2021, 3:39 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 12:28 PM IST

कोरोना से रिकवर होने के बाद आम तौर पर मरीजों में कई तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है, जिनमें से एक अब लीवर में पस भरने की समस्या है. इस बीमारी से ग्रस्त 14 मरीज सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराए गए, जिनमें से एक की मौत हो गई.

sir ganga ram hospital
सर गंगाराम अस्पताल

नई दिल्ली: दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में कोरोना मरीजों में और सामान्य रूप से लीवर में फोड़े और पस भरने की समस्या देखी जा रही है. अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई है कि पिछले 2 महीने में अस्पताल में करीब 14 ऐसे मरीज भर्ती हुए, जिनके लीवर में पस भरना और और सामान्य रूप से फोड़ा होना जैसी परेशानी सामने आई है.


अस्पताल के इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिकोबिलरी साइंसेज के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल अरोड़ा ने बताया लीवर में पस भरना या फोड़ा होना आमतौर पर 'एंड अमीबा हिस्टोलिटिका' नामक परजीवी के कारण होता है, जो दूषित भोजन या पानी से फैलता है.

डॉ. अनिल अरोड़ा ने दी जानकारी

डॉक्टर अरोड़ा ने बताया कि 22 दिन के भीतर कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में यह लक्षण देखने को मिले. जांच में पाया गया कि मरीजों के लीवर के दोनों हिस्सों में बहुत ज्यादा मवाद भरा हुआ है. डॉक्टर ने बताया कि 28 से 74 वर्ष की आयु वर्ग के 14 मरीज पाए गए, जिसमें से 10 पुरुष और 4 महिलाएं थीं.

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डॉ अनिल अरोड़ा ने बताया कि सभी मरीजों को बुखार पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और 3 मरीजों में काले रंग के मल के साथ रक्तचाप भी लक्षण देखने को मिला. इसके साथ ही 8 मरीजों में कोविड लक्षणों के प्रबंधन के लिए स्टेरॉइड दिया गया है, इसकी जानकारी भी मिली. साथ ही मरीजों के जिगर के दोनों तरफ 5 मरीजों में 8 सेंटीमीटर के फोड़े मिले, जिसमें सबसे बड़ा 19 सेंटीमीटर आकार का था. इसके साथ ही मल में खून आने वाले 3 मरीजों ने बड़ी आंत में अल्सर दिखाया , कोलोनोस्कोपी (एक कैमरे के माध्यम से) से बड़ी आंत को देखा गया.

लीवर में पस भरने का मामला

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प्रोफेसर अरोड़ा ने कहा कि 14 में से 13 रोगियों का एंटीबायोटिक दबाव और मेट्रोनिडालो दवाओं से इलाज किया गया. जिगर में से मवाद की निकासी की गई, जबकि एक मरीज का बड़ा फोड़ा पेट में ही फट गया, जिससे भारी रक्तस्राव के कारण मृत्यु हो गई. बाकी 13 मरीज अब स्थिर हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

लीवर में पस भरने का मामला

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डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान इलाज के लिए स्टेरॉयड का उपयोग इस बीमारी का कारण माना जा सकता है, इसके साथ ही लीवर में मवाद और फोड़े होना, खराब स्वच्छता सेवाओं के कारण होती है, एक परजीवी अमीबियासिस का कारण बनता है, और आंतो का संक्रमण जिसे अमीबिक पेचिश भी कहा जाता है, यह परजीवी रक्तप्रवाह द्वारा आंतो से जिगर तक पहुंच जाता है, और यकृत के फोड़े का कारण बनता है इसके लिए बुखार पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं, यदि ऐसे लक्षण पाए जाते हैं तो पेट का अल्ट्रासोनोग्राफी जांच की जाती है, जिससे इसके कारणों का पता लगाया जा सकता है. इसके साथ ही ऐसे मामलों में प्रारंभिक इलाज और प्रभावी एंटीवायरल थेरेपी के रूप में समय से इलाज जी अनमोल जीवन बचा सकता है.

Last Updated : Aug 16, 2021, 12:28 PM IST

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